बीसीसीआइ पदाधिकारियों को बचाएगा खेल विधेयक
खेल मंत्रालय ने स्पोर्ट्स कोड को लेकर नौ सदस्यीय समिति बनाई थी जिसकी सात-आठ बैठक हो चुकी हैं। जल्द ही इसका फाइनल ड्राफ्ट सामने आएगा।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। केंद्रीय खेल मंत्रालय भले ही स्पोर्ट्स कोड या खेल विकास विधेयक के जरिये सभी खेल संघों पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा हो, लेकिन यह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के पदाधिकारियों के लिए राहत लेकर आएगा।
खेल मंत्रालय ने स्पोर्ट्स कोड को लेकर नौ सदस्यीय समिति बनाई थी जिसकी सात-आठ बैठक हो चुकी हैं। जल्द ही इसका फाइनल ड्राफ्ट सामने आएगा। खेल मंत्री विजय गोयल से जब इस बारे में दैनिक जागरण ने पूछा तो उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स कोड का फाइनल ड्राफ्ट आने का हम इंतजार कर रहे हैं। अगर ड्राफ्ट खेल संघों पर नकेल कसने में पर्याप्त नहीं होता है तो खेल विधेयक लाया जाएगा। अब यह मानसून सत्र में आएगा या उसके बाद में इसके बारे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इसमें बीसीसीआइ भी शामिल होगा तो उन्होंने कहा कि यह सब पर लागू होगा। जितनी भी खेल संस्था भारत में हैं उन सभी पर इसे लागू किया जाएगा, वह चाहें सरकार से मदद लेती हों या नहीं। बीसीसीआइ पहले ही लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बचने की जुगत देख रहा था क्योंकि उस वजह से उसके पदाधिकारियों पर काफी बंदिशें लग गईं हैं।
राजीव शुक्ला पहले ही कह चुके हैं कि अगर खेल विधेयक आता है तो बीसीसीआइ उसको मानेगा। वहीं बीसीसीआइ के वर्तमान कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि निश्चित तौर पर जब यह सामने आएगा तो हम इसे देखेंगे, लेकिन हम इसका स्वागत करते हैं।
बीसीसीआइ शुरू से खेल विधेयक का विरोध करता रहा है। वह कहता था कि जब हम सरकार से मदद नहीं लेते तो हम उसके दायरे में क्यों आएं, लेकिन लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उसके पदाधिकारी बैकफुट पर हैं। अब उनके बचने का एकमात्र रास्ता खेल विधेयक ही है। उसके एक अधिकारी ने कहा कि तोप से बचने के लिए बंदूक का हमला सहा जा सकता है।
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निश्चित तौर पर खेल विधेयक लोढ़ा समिति की सिफारिशों जितना कड़ा नहीं होगा। अगर केंद्र सरकार खेल विधेयक पारित करती है तो बीसीसीआइ सरकार के दायरे में आ जाएगी जिससे उसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत मिल जाएगी।