खाली स्टेडियम में मैच कराने को लेकर पहली बार बोले BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली, दी ये दलील
BCCI के बॉस सौरव गांगुली ने कहा है कि अगर मैच खाली स्टेडियम में होते हैं तो फिर मैच का आकर्षण कम हो जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना वायरस महामारी की वजह से खेल बंद हो गए हैं और अब जब जैसे-तैसे खेलों की शुरू करने की कवायद तेज हुई है तो सामने आ रहा है कि मैचों का आयोजन खाली स्टेडियम में किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण फैलने से बचेगा। तमाम क्रिकेटर इस बात की दलील दे चुके हैं कि वे बिना दर्शकों के भी मैच खेलने के लिए तैयार हैं, जबकि कुछ क्रिकेटर ऐसे भी हैं जो इसके पक्ष में नहीं हैं।
इसी बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के अध्यक्ष सौरव गांगुली का भी बयान सामने आया है। गांगुली ने कहा है कि दर्शक नहीं होने की वजह से खेल में आकर्षण कम होगा। क्लोज डोर क्रिकेट को लेकर सौरव गांगुली ने मिड-डे से कहा है, "हां, बिना दर्शकों के मैचों में आकर्षण कम हो जाएगा। मैं इस तरह के सिनेरियो में खेल चुका हूं। 1999 में एशियन टेस्ट चैंपियनशिप के मैच में पाकिस्तान के खिलाफ ईडन गार्डेंस स्टेडियम में दर्शकों ने कुछ हिस्सों में आग लगा दी थी और मैच दूसरे दिन खाली स्टेडियम में खेला गया था और मैच में कोई एक्साइटमेंट नहीं था।"
गांगुली ने कहा है, "यदि आप एक निश्चित भीड़ के साथ मैच कराते हैं, तो न केवल सख्त शारीरिक दूरी के नियम लागू होंगे, बल्कि अधिकारियों को भी बहुत सावधान रहना होगा कि दर्शक घर के लिए गैलरी छोड़ समय क्या करते हैं। पुलिसकर्मियों के लिए बहुत सख्त नियम बनाने होंगे। यह एक कठिन निर्णय है और जिस स्थिति में हम खुद को पाते हैं, वह गंभीर है।" हालांकि, सौरव गांगुली ने कहा है कि उनके लिए सुरक्षा महत्वपूर्ण है।
वहीं, गेंद पर थूक और पसीना लगाने को लेकर सौरव गांगुली ने कहा है, "हम गेंद पर स्लाइव और पसीना लगाने के प्रभाव पर मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार करेंगे। सुरक्षा एक प्राथमिकता होगी और इतिहास, भाव और भावनाओं से कोई भी निर्णय तय नहीं होगा। स्वास्थ्य को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।"