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सौरव गांगुली ने लौटाई ममता सरकार से मिली जमीन, भाजपा में जाने की सुगबुगाहट

सौरव गांगुली ने स्कूल के निर्माण के लिए ममता सरकार से मिली जमीन लौटा दी है। सौरव के इस कदम से उनके भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sun, 23 Aug 2020 09:06 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 09:06 PM (IST)
सौरव गांगुली ने लौटाई ममता सरकार से मिली जमीन, भाजपा में जाने की सुगबुगाहट
सौरव गांगुली ने लौटाई ममता सरकार से मिली जमीन, भाजपा में जाने की सुगबुगाहट

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बीसीसीआइ के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली ने स्कूल के निर्माण के लिए ममता सरकार से मिली जमीन लौटा दी है। सौरव के इस कदम से उनके भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। गौरतलब है कि बंगाल में अगले साल ही विधानसभा चुनाव है और बंगाल भाजपा को मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त चेहरे की तलाश है। जानकारी के मुताबिक, सौरव ने हाल में राज्य सचिवालय नवान जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और स्कूल के निर्माण के लिए उन्हें न्यूटाउन में आवंटित की गई दो एकड़ जमीन लौटा दी है।

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बता दें कि इससे पहले वाममोर्चा के शासनकाल में भी सौरव को स्कूल के निर्माण के लिए साल्टलेक में जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन कानूनी पचड़े के कारण वह जमीन कभी सौरव को मिल ही नहीं पाई। पता चला है कि तृणमूल सरकार की तरफ से वेस्ट बंगाल हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने उन्हें आइसीएससी बोर्ड वाले 12वीं कक्षा तक के स्कूल के निर्माण के लिए जमीन प्रदान की थी। मगर अब इस मामले में भी कानूनी अड़चनें आ गई हैं।

सूत्रों ने बताया कि गांगुली एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से जमीन लौटाने संबंधी पत्र राज्य सरकार को भेज दिया है। सौरव इस संस्था के अध्यक्ष हैं। पत्र को स्वीकार करके इसकी फाइल वित्त विभाग के पास भेज दी गई है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सौरव गांगुली के बहुत अच्छे संबंध बताए जाते हैं। सौरव के बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बनने में ममता की अहम भूमिका थी।

ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सौरव ने जिस तरह से सरकार को जमीन लौटाई है, उससे गलत संकेत जा सकते हैं। वहीं, सौरव के बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार के दो अन्य मंत्रियों की अहम भूमिका रही है। इसी से सौरव के भाजपा में शामिल होने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। सौरव हालांकि कई मौकों पर साफ तौर पर कह चुके हैं कि उनकी राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है।


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