...अब आइसीसी टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए बना रही ये खास योजना
क्रिकेट के छोटे प्रारूप में बढ़ रही लोगों की ज्यादा दिलचस्पी के कारण टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए खतरा पैदा हो गया है।छोटे प्रारूप के क्रिकेट में बढ़ते चलन के कारण टेस्ट मैचों के दौरान स्टेडियम खाली रहते हैं
नई दिल्ली। क्रिकेट के छोटे प्रारूप में बढ़ रही लोगों की ज्यादा दिलचस्पी के कारण टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए खतरा पैदा हो गया है।छोटे प्रारूप के क्रिकेट में बढ़ते चलन के कारण टेस्ट मैचों के दौरान स्टेडियम खाली रहते हैं।ऐसे में क्रिकेट के सबसे पुराने और बड़े प्रारूप को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) ने इसे बचाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत आइसीसी अब टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को बचाने और मजबूत करने के लिए इस प्रारूप में भी प्रमोशन और रेलीगेशन लागू करने की योजना बना रहा है।
टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए इस सप्ताह लॉर्डस में आइसीसी की क्रिकेट समिति की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में टेस्ट क्रिकेट में दो डिवीजन को भी लागू किया जा सकता है। यहां आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के प्रचार के लिए आए आइसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेव रिचर्डसन ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को बचाने और मजबूत करने के लिए खेल के इस प्रारूप में भी प्रमोशन और रेलीगेशन लागू किया जाएगा।
रिचर्डसन ने कहा, यदि हम हकीकत में टेस्ट क्रिकेट को बचाना चाहते हैं तो टेस्ट टीमों की संख्या को भी हमें कम नहीं होने देना चाहिए। रिचर्ड्सन ने बताया कि फिलहाल इस पूरे मामले पर बहस होना बाकी है और इस महीने के अंत तक इस पर निर्णय हो जाएगा।