टीचर्स डे: गुरुओं का सम्मान कर मनाया इस युवा धुरंधर ने यह खास दिन
टीचर्स डे साल का वह दिन है जिसकी भावनाओं से होता हुआ हर कोई गुजरा है। स्कूल के वह दिन और अपने शिक्षकों की वह सीख और डांट भला कौन भूल सकता है। अनुशासन और मेहनत से मैदान पर खिलाड़ी भी अपने करियर को संवारते आए हैं, ऐसे ही एक क्रिकेटर हैं युवा खिलाड़ी शमी अहमद। टीचर्स डे की पूर्व संध्या पर शमी अपने पहले स्कूल पहुंचे।
जागरण संवादताता, अमरोहा। टीचर्स डे साल का वह दिन है जिसकी भावनाओं से होता हुआ हर कोई गुजरा है। स्कूल के वह दिन और अपने शिक्षकों की वह सीख और डांट भला कौन भूल सकता है। अनुशासन और मेहनत से मैदान पर खिलाड़ी भी अपने करियर को संवारते आए हैं, ऐसे ही एक क्रिकेटर हैं युवा खिलाड़ी शमी अहमद। टीचर्स डे की पूर्व संध्या पर शमी अपने पहले स्कूल पहुंचे।
अपने पहले स्कूल पहुंचकर बच्चों को नसीहत देने के लिए शमी ने कहा कि कामयाबी के लिए शॉर्टकट न चुनें। मेहनत और लगन से अगर आगे बढ़ेंगे तो निश्चित तौर पर जीत का परचम लहराएंगे। भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाज शमी अहमद अपने वालिद तौसीफ अहमद व मित्र मोहम्मद अहमद के साथ जोया रोड स्थित लिटिल स्कालर्स एकेडमी पहुंचे। समी अहमद का यह पहला स्कूल है। स्कूल की स्थापना के तीसरे वर्ष में शमी अहमद व उनके भाई मोहम्मद काशिफ का दाखिला यहां कराया गया था। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर शमी अहमद ने अपने पुराने स्कूल पहुंच शिक्षकों को तोहफे भी दिए।
शमी अहमद जैसे ही बच्चों के बीच पहुंचे, बच्चों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। उनका ऑटोग्राफ और उनके साथ फोटो खिंचवाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। दो घंटे स्कूल में ठहरकर उन्होंने अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। उसके बाद वह घर के लिए रवाना हो गए।
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