विराट, सचिन, द्रविड़, कपिल जैसे कई दिग्गजों के खिलाफ शिकायत करने वाले संजीव गुप्ता ने दिया इस्तीफा
विराट कोहली सचिन तेंदुलकर वीवीएस लक्ष्मण राहुल द्रविड़ कपिल देव सौरव गांगुली आदि कई दिग्गजों के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत संजीव गुप्ता ने की थी।
कपीश दुबे, इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भारतीय कप्तान विराट कोहली सहित देश के कई दिग्गज क्रिकेटरों के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत कर सुर्खियों में आए मप्र क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) सदस्य संजीव गुप्ता ने संगठन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। गुप्ता के खिलाफ एमपीसीए के ही दो सदस्यों ने शिकायत की थी।
एमपीसीए के सचिव संजीव राव ने बताया कि संजीव गुप्ता का इस्तीफा शनिवार को प्राप्त हुआ है। उनके खिलाफ संगठन सदस्यों की शिकायत पर कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। जिसके जवाब में उन्होंने आजीवन सदस्यता से इस्तीफा भेज दिया। अब इसे प्रबंधकारिणी समिति के समक्ष रखा जाएगा। संगठन में पहली बार किसी सदस्य ने इस्तीफा दिया है।
कानूनी मामलों में कई लोगों को घेरने वाले गुप्ता के खिलाफ एमपीसीए के वरिष्ठ सदस्य दिलीप चुड़गर और प्रसून कनमड़ीकर ने कानून की किताब से ही पेचीदगियां ढूंढ निकाली। चुड़गर क्रिकेट की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं वहीं पेशे से कानूनी सलाहकार प्रसून को लोढ़ा समिति की सिफारिशों से जुड़े मामलों का जानकार माना जाता है। प्रसून के पिता मिलिंद भी एमपीसीए के सचिव रह चुके हैं जबकि दादा अनंतवागेश कनमड़ीकर बीसीसीआइ के सचिव थे। इन्होंने गुप्ता के खिलाफ आरोप लगाया था कि वे गैर जरूरी रूप से स्वयं के साथ एमपीसीए सदस्य होने का उल्लेख करते हैं, जो कि संगठन के नियमों के खिलाफ है। इससे कई बार संगठन का नाम खराब होता है।
गुप्ता ने विराट कोहली के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत की थी। इस मामले में जांच विचाराधीन है। इसके अलावा सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, कपिल देव, सौरव गांगुली आदि कई दिग्गजों के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत गुप्ता ने की थी। जिसके बाद इन्हें अपने पद छोड़ने पड़े थे। हाल ही में बीसीसीआइ अध्यक्ष पद पर गांगुली और सचिव पद पर जय शाह की भी इन्होंने शिकायत की थी। इस मामले में भी जांच विचाराधीन है।
कोच और चयनकर्ताओं को अच्छा मानदेय देने की अपील
गुप्ता ने जाते-जाते भी एमपीसीए की मुश्किलें बढ़ा दीं। उन्होंने अपने इस्तीफे साथ लिखा, 'मैं एमपीसीए की आजीवन सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। मेरी आपसे आखिरी अपील है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का 100 फीसद पालन करें। साथ ही एमपीसीए के सभी कोच और चयनकर्ताओं को अच्छा मानदेय दें। उल्लेखनीय है कि कोच और चयनकर्ताओं का मानदेय एमपीसीए की दुखती नस बना हुआ है। मुंबई के चंद्रकांत पंडित को एक करोड़ की मोटी फीस दिए जाने से संगठन में नाराजगी है। जबकि प्रदेश के अन्य कोच और चयनकर्ताओं को इसकी तुलना में मामूली फीस दी जाती है।