मैच फिक्सिंग में भारतीय मूल के बुकी संजीव चावला का होगा भारत प्रत्यर्पण
वर्ष 2000 में क्रिकेटर हेंसी क्रोन्ये से जुड़े मैच फिक्सिंग मामले में आरोपित बुकी संजीव चावला के भारत प्रत्यर्पण को हरी झंडी मिल गई है।
लंदन, प्रेट्र। वर्ष 2000 में क्रिकेटर हेंसी क्रोन्ये से जुड़े मैच फिक्सिंग मामले में आरोपित बुकी संजीव चावला के भारत प्रत्यर्पण को हरी झंडी मिल गई है। अब ब्रिटिश नागरिक बन चुके चावला के खिलाफ यह आदेश ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने दिये हैं।
ब्रिटेन के गृह विभाग ने शनिवार को इस बात की पुष्टि करते हुए चावला को भारत भेजे जाने का रास्ता साफ कर दिया। कैबिनेट मंत्री जाविद ने भारत-ब्रिटेन की प्रत्यर्पण संधि के तहत चावला के भारत प्रत्यर्पण के आदेश पर विगत 27 फरवरी, 2019 को दस्तखत किए थे। इससे पहले, वेस्टमिनस्टर मेजिस्ट्रेट कोर्ट के इस साल पूर्ववर्ती फैसले के खिलाफ कहा कि संजीव चावला के प्रत्यर्पण में कोई अड़चन नहीं है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि 50 वर्षीय संजीव चावला ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कोई याचिका दायर की है या नहीं।
ब्रिटेन के गृह कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2000 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के मैच-फिक्सिंग स्कैंडल में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हेंसी क्रोन्ये से जुड़े मामले में संजीव चावला प्रमुख आरोपित है। ध्यान रहे कि पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश मंत्री जाविद ने भारत के लिए यह दूसरे प्रत्यर्पण को मंजूरी दी है। इससे पहले विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण के फैसले को मंजूरी दी थी।
उल्लेखनीय है कि संजीव चावला के जून, 2016 में गिरफ्तार होने के बाद से उसके खिलाफ एक लंबी कानूनी लड़ाई चली है। अक्टूबर, 2017 में लंदन स्थित वेस्टमिनस्टर कोर्ट में प्रत्यर्पण के लिए प्रारंभिक सुनवाई हुई थी। इसमें संजीव चावला की मानवाधिकारों की दुहाई को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली की तिहाड़ जेल उपयुक्त नहीं है, जहां उसे रखा जाना है। लेकिन इस फैसले को ब्रिटेन के सरकारी पक्ष (क्राउन प्रासिक्यूशन सर्विस) ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में चुनौती दी और भारतीय प्रशासन की ओर से आग्रह किया। लिहाजा, पिछले साल नवंबर में रायल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारत सरकार की अपील को मंजूर किया और वेस्टमिनस्टर कोर्ट के जिला जज को निर्देशित किया कि वह आदेश की समीक्षा करे।
हाईकोर्ट के जजों ने भारत सरकार के आश्वासनों को स्वीकार किया जिसमें कहा गया था कि आरोपित को उचित और सुरक्षित जेल में रखा जाएगा। जहां साफ-सफाई और उसे अकेले रखने की पूरी व्यवस्था होगी। भारत ने चिकित्सकीय सुविधाओं की भी गारंटी दी है। लिहाजा इस साल जनवरी में निचली अदालत ने ताजा आदेश चावला के भारत प्रत्यर्पण के पक्ष में दिया है। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, चावला दिल्ली में जन्मा कारोबारी है। वह 1996 में बिजनेस वीजा पर ब्रिटेन आ गया था। उसके बाद वह बीच-बीच में भारत जाता रहा था। 2000 में उसका भारतीय पासपोर्ट रद होने के बाद उसने वर्ष 2005 में ब्रिटिश पासपोर्ट हासिल कर लिया था।
क्या है मैच फिक्सिंग मामला
ब्रिटिश कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक दिवंगत दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान हेंसी क्रोन्ये से जनवरी-फरवरी 2000 में संजीव चावला को मिलवाया गया था। चावला और एक अन्य व्यक्ति ने तब कोन्ये को सुझाव दिया था कि अगर वह कुछ क्रिकेट मैच हार जाए तो उसे मोटी रकम हासिल हो सकती है। दक्षिण अफ्रीका के भारत दौरे के समय क्रोन्ये को बकाया धनराशि दी गई थी। चावला में पूरे मामले में क्रोन्ये के सीधे संपर्क में था।