Move to Jagran APP

कोच रमाकांत आचरेकर के निधन के बाद सचिन ने किया ये भावुक ट्वीट, लिख दी ये बातें

आचरेकर सख्त अनुशासन प्रिय थे। स्कूल क्रिकेट में तेंदुलकर और विनोद कांबली के बीच 664 रन की उस समय की विश्व रिकॉर्ड साङोदारी के दौरन वह काफी नाराज हुए थे।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 07:19 AM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 12:15 PM (IST)
कोच रमाकांत आचरेकर के निधन के बाद सचिन ने किया ये भावुक ट्वीट, लिख दी ये बातें
कोच रमाकांत आचरेकर के निधन के बाद सचिन ने किया ये भावुक ट्वीट, लिख दी ये बातें

मुंबई, जेएनएन। सचिन तेंदुलकर की प्रतिभा को निखारने वाले प्रसिद्ध क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 87 साल के थे। उनके परिवार के सदस्यों के मुताबिक, वह पिछले कुछ दिनों ने बढ़ती उम्र से संबंधित बीमारियों से ग्रसित थे। अपने बचपन के कोच के निधन के बाद क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने उन्हें श्रृद्धांजलि देते हुए एक भावुक ट्वीट किया है।

loksabha election banner

अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर को भावभीनी श्रृद्धांजलि देते हुए चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने एक इमोश्नल ट्वीट किया। इस ट्वीट में सचिन ने कहा, ‘आचरेकर सर की मौजूदगी से स्वर्ग में भी क्रिकेट धन्य हो गया होगा। उनके कई छात्रों की तरह मैने भी क्रिकेट का ककहरा सर के मार्गदर्शन में सीखा।' उन्होंने कहा, ‘मेरी जिंदगी में उनके योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने वह नींव बनाई जिस पर मैं खड़ा हूं।’ 

तेंदुलकर ने कहा, ‘पिछले महीने मैं सर से उनके कुछ छात्रों के साथ मिला और हमने कुछ समय साथ बिताया। हमने पुराने दौर को याद करके काफी ठहाके लगाये।’

उन्होंने कहा, ‘आचरेकर सर ने हमें सीधा खेलने और जीने का महत्व बताया। हमें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने और अपने अनुभव को हमारे साथ बांटने के लिये धन्यवाद सर।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘वेल प्लेड सर। आप जहां भी हैं, वहां और सिखाते रहें।’

आचरेकर का 87 वर्ष की उम्र में बढती उम्र से जुड़ी बीमारियों के कारण मुंबई में निधन हो गया। आधुनिक क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज तेंदुलकर को आचरेकर सर मुंबई के शिवाजी पार्क में कोचिंग देते थे।

आचरेकर ने खुद एक ही प्रथम श्रेणी मैच खेला लेकिन तेंदुलकर के कैरियर को संवारने में उनका बड़ा योगदान रहा। वह अपने स्कूटर से उसे स्टेडियम लेकर जाते थे।

आचरेकर सख्त अनुशासन प्रिय थे। स्कूल क्रिकेट में तेंदुलकर और विनोद कांबली के बीच 664 रन की उस समय की विश्व रिकॉर्ड साङोदारी के दौरन वह काफी नाराज हुए थे। तेंदुलकर ने उस समय को याद करते हुए कहा था कि 1988 में सेंट जेवियर्स मुंबई के खिलाफ हैरिस शील्ड मैच के दौरान कैसे उन्होंने आचरेकर सर के पारी घोषित करने के आदेश की अनदेखी की थी। आचरेकर को क्रिकेट कोच के रूप में उनकी सेवाओं के लिए 1990 में द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। बैंक कर्मचारी रहे आचरेकर को 2010 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। तेंदुलकर के अलावा वह कुछ अन्य प्रसिद्ध खिलाड़ियों के कोच रहे हैं, जिनमें विनोद कांबली, प्रवीण आमरे, समीर दिघे और बलविंदर सिंह संधू शामिल हैं।

क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

अन्य खेलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.