सचिन तेंदुलकर ने जीता Laureus Award, वर्ल्ड कप 2011 की इस तस्वीर ने बनाया रिकॉर्ड
Sachin Tendulkar Won Laureus Sporting Moment Award 2000-2020 क्रिकेट के मैदान के बाहर भी सचिन तेंदुलकर ने एक रिकॉर्ड कायम कर दिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Sachin Tendulkar Won Laureus Sporting Moment Award 2000-2020: दो दशक से ज्यादा समय तक क्रिकेट खेलने वाले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने न जाने कितने रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किए। वहीं, क्रिकेट छोड़ने के करीब 6 साल के बाद सचिन तेंदुलकर ने मैदान के बाहर भी एक रिकॉर्ड कायम कर दिया है। जी हां, सचिन तेंदुलकर ने लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020 (Laureus Sporting Moment Award) जीता है।
सोमवार को सचिन तेंदुलकर को बर्लिन में लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020 से सम्मानित किया गया। मुंबई में 2 अप्रैल 2011 को वर्ल्ड कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर को उनके साथी खिलाड़ियों ने कंधों पर उठा लिया था। इसी ऐतिहासिक क्षण को पिछले 20 वर्षों में 'लॉरियस बेस्ट स्पोर्ट मोमेंट' माना गया। इसी की वजह से सचिन तेंदुलकर को ये अवॉर्ड मिला है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। भारतीय क्रिकेट टीम और खासकर सचिन तेंदुलकर के फैंस ने उनके समर्थन में वोट किए, जिससे सचिन इस अवॉर्ड को जीतने में सफल हुए।
🏆 @sachin_rt 🇮🇳
Carried on the Shoulders of a Nation, the Little Master led India to their first World Cup since 1983 in 2011, at his sixth and final attempt 😱
As voted for by you, he is the ultimate Laureus Sporting Moment 2000 - 2020 🙌#Laureus20 #SportUnitesUs pic.twitter.com/zFZpM8qD3j — Laureus (@LaureusSport) 17 February 2020
सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में 5 वर्ल्ड कप खेले थे, लेकिन एक भी बार वे अपनी टीम को वर्ल्ड कप नहीं जिता पाए थे, लेकिन अपना छठा और आखिरी वर्ल्ड कप खेलते हुए सचिन तेंदुलकर और भारतीय टीम विश्व विजेता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। 2 अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम के लिए जैसे ही तत्कालीन कप्तान और बेस्ट फिनिशर एमएस धौनी ने विनिंग सिक्स लगाया उसी के साथ भारतीय खिलाड़ी मैदान पर उतर आए और सचिन तेंदुलकर को अपने कंधों पर उठा लिया।
बर्लिन में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने सचिन तेंदुलकर को लॉरियस स्पोर्टिंग मोमेंट अवॉर्ड 2000-2020 के विजेता बनने की घोषणा की और टेनिस दिग्गज बोरिस बेकर ने उनको ट्रॉफी सौंपी। इस बीच सचिन तेंदुलकर ने कहा, "मेरा सफर 1983 में शुरू हुआ था, जब मैं सिर्फ 10 साल का था। भारतीय टीम ने कपिल देव की कप्तानी में अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था। मुझे उस समय पता नहीं था कि हुआ क्या है, लेकिन मैं पार्टी में शामिल हो गया था।"
"This is a reminder of how powerful sport is and what magic it does to all of our lives."@sachin_rt gives a touching speech at the #Laureus20 awards. Tendulkar, who lifted the 2011 #CWC 🏆 with India, won the Laureus Sporting Moment Award 2000-2020.pic.twitter.com/WOfRakwGdS — ICC (@ICC) 18 February 2020
सचिन ने इसी कड़ी में आगे कहा, "मैं कहीं न कहीं ये बात जानता था कि देश के लिए कुछ खास हुआ है और मैं एक दिन इसका अनुभव करना चाहता था और यहीं से मेरा सफर शुरू हुआ। वर्ल्ड कप जीतना मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था, उस ट्रॉफी को पकड़े हुए, जिसका मैंने 22 साल तक पीछा किया, लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मैं केवल अपने देशवासियों की ओर से उस ट्रॉफी को उठा रहा था।"
सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले और अंतरराष्ट्रीय रन और शतक बनाने वाले सचिन तेंदुलकर ने महान दक्षिण अफ्रीकी नेता नेल्सन मंडेला के प्रभाव को भी साझा किया। तेंदुलकर ने बताया है कि वे जब उनसे मिले थे तो सिर्फ 19 साल के थे। सचिन ने कहा, "उनके (नेल्सन मंडेला) कई संदेशों में से सबसे महत्वपूर्ण मुझे लगा- खेल को सभी को एकजुट करने की शक्ति प्राप्त है।"