सचिन कप्तान के तौर पर क्यों हुए फेल, मदनलाल ने बताई बेहद हैरान कर देने वाली वजह
सचिन तेंदुलकर ने दो बार टीम इंडिया की कप्तानी की और तीसरी बार भी उन्हें मौका मिला लेकिन इस बार उन्होंने Dhoni का नाम सुझाया।
नई दिल्ली, जेएनएन। सचिन तेंदुलकर ने लगभग बल्लेबाजी का हर रिकॉर्ड अपने नाम किया और वो भारत के सबसे महान बल्लेबाज हैं। टेस्ट व वनडे में सबसे ज्यादा रन, इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक के अलावा वो वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं, लेकिन जब बात कप्तानी की आती है तो वो इस मोर्चे पर फेल रहे और कप्तान के तौर पर संघर्ष करते दिखे।
सचिन तेंदुलकर को दो बार टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई, लेकिन वो हर मौके पर फेल रहे। दूसरी बार कप्तान बनने के बाद वो 13 साल तक क्रिकेट खेलते रहे, लेकिन फिर कभी इस पद को ग्रहण नहीं किया। हालांकि कप्तान के तौर पर वो क्यों संघर्ष करते रहे ये सस्पेंस ही रहा है, लेकिन टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर व कोच मदन लाल ने बताया कि वो क्यों एक कप्तान के तौर पर ज्यादा सफल नहीं हो पाए।
मदनलाल 1996 और 97 में भारतीय क्रिकेट टीम के कोच थे और उन्होंने कहा कि वो अपने खुद के प्रदर्शन में बहुत ही ज्यादा लिप्त रहते थे जिसकी वजह से वो एक कप्तान के तौर पर अच्छा प्रदर्शन कर पाने में सफल नहीं हो पाए। मदनलाल ने कहा कि मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि वो एक अच्छे कप्तान नहीं थे, लेकिन वो अपने प्रदर्शन में इतने ज्यादा लिप्त रहते थे कि टीम की जिम्मेदारी उठाना उनके लिए मुश्किल था। एक कप्तान के तौर पर आपको ना सिर्फ अपने प्रदर्शन बल्कि अन्य 10 खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी ध्यान रखना होता है। ये मुश्किल होता है कि आप इसे किस तरह से मैनेज करते हैं। मदनलाल ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए ये कहा।
साल 2013 में रिटायर होने वाले सचिन ने 25 टेस्ट मैचों में कप्तान के तौर पर सिर्फ 4 मैच जीते और 9 में हार मिली तो वहीं 12 मैच ड्रॉ रहे। वहीं उन्होंने 73 वनडे मैचों में टीम की कप्तानी की, लेकिन जीत 23 मैचों में मिली। राहुल द्रविड़ के बाद उन्हें एक बार फिर से कप्तान बनने का मौका मिला था, लेकिन उन्होंने MS Dhoni का नाम इसके लिए सुझाया और फिर वो 9 साल तक भारत के कप्तान रहे। उन्होंने मुंबई इंडियंस की कप्तानी भी आइपीएल में की और 55 मैचों में से 32 में जीत दर्ज किया। उनकी कप्तानी में मुंबई को कोई खिताब नहीं मिला।