23वें ओवर में इस कंगारू ने दिखाया ऐसा कमाल, नंबर 2 पर खिसक गई टीम इंडिया
टीम फिर से आइसीसी रैंकिंग में दूसरे नंबर पर खिसक गई। यही नहीं वह इस सीरीज में पहला मुकाबला भी हारी।
बेंगलुरु, अभिषेक त्रिपाठी। पांच मैचों की सीरीज में 3-0 से आगे चल रही भारतीय टीम ने गुरुवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में फॉर्म में चल रहे भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव को आराम देकर उमेश यादव, मुहम्मद शमी और अक्षर पटेल को मौका दिया, जिसका फायदा उठाते हुए डेविड वार्नर (124) और एरोन फिंच (94) ने ऑस्ट्रेलिया को इस सीरीज में पहली बार 334 रनों तक पहुंचाया। अजिंक्य रहाणे (53), रोहित शर्मा (65), हार्दिक पांड्या (41), केदार जाधव (67) और मनीष पांडे (33) की पारियों के बावजूद टीम इंडिया 21 रन से मैच हार गई। इसी के साथ टीम इंडिया का पहली बार लगातार 10 वनडे जीतने का सपना तो टूटा ही, साथ ही टीम फिर से आइसीसी रैंकिंग में दूसरे नंबर पर खिसक गई। यही नहीं वह इस सीरीज में पहला मुकाबला भी हारी।
तीन गेंदबाजों को हटाना ठीक नहीं
भले ही भारतीय टीम सीरीज में आगे थी, लेकिन विराट को एक ही मैच में तीन सेट खिलाडि़यों को बदलना नहीं चाहिए था और वह भी गेंदबाजी विभाग से। उमेश और शमी ने शुरुआती दस ओवर में 63 रन गंवा दिए और कोई विकेट नहीं लिया। उमेश ने शुरुआती पांच ओवर में 37, तो शमी ने 25 रन लुटाए। कुलदीप की जगह शामिल अक्षर पटेल भी कुछ खास नहीं कर सके। चेन्नई में बुमराह ने चौथे ओवर में ही कार्टराइट को आउट किया था, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती आठ ओवर में ही 35 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे। वहीं, कोलकाता में भुवनेश्वर ने शुरुआती पांच ओवर में ही दो विकेट ले लिए थे। बुमराह, भुवी और कुलदीप ने मिलकर पिछले तीन मैचों में 14 विकेट लिए थे और उनका यहां नहीं खेलना भारी पड़ा।
फिंच-वार्नर की शानदार पारी
फिंच-वार्नर ने इसका फायदा उठाते हुए एक साथ पांचवीं बार 100 से ज्यादा रन की साझेदारी की। यही नहीं, उन्होंने साझेदारी को 231 तक बढ़ाया। यह इस स्टेडियम की अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी रही। वार्नर ने 103 गेंदों पर शतक पूरा किया। वह 100वें वनडे में शतक लगाने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई हैं। यह उनके करियर का 14वां शतक रहा। दोनों के बीच 194 गेंदों पर 200 रन की साझेदारी हुई। वार्नर ने अक्षर के आखिरी और पारी के 34वें ओवर में इतना लंबा छक्का मारा कि गेंद मैदान के बाहर जाते-जाते बची।
इसी ओवर में उन्होंने दो चौके लगाकर 16 रन बनाए। लगातार अपने मुख्य गेंदबाजों के पिटने के कारण विराट ने दूसरे छोर पर पार्टटाइम स्पिनर जाधव को लगाया, जिनके तीसरे ओवर में फिंच ने लंबा छक्का जड़ा। हालांकि, इसी ओवर में जाधव ने वॉर्नर को अक्षर के हाथों कैच कराकर सबसे बड़ी साझेदारी तोड़ी। ऑस्ट्रेलियाई ओपनरों ने 35 ओवर में 231 रन बनाए थे, लेकिन उसके बाकी बल्लेबाज आखिरी 15 ओवर में सिर्फ 103 रन ही बना पाए। पहले स्पैल में निराश करने वाले उमेश ने दूसरे स्पैल में चार विकेट चटकाए। हालांकि, उमेश के साथ ही शमी और अक्षर भी महंगे साबित हुए।
रन आउट ने बदली तस्वीर
भारत को रोहित और रहाणे ने बेहतरीन शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 18.2 ओवर में 106 रन जोड़े। रहाणे ने सीरीज में लगातार तीसरा अर्धशतक लगाया। उनके आउट होने के बाद रोहित और विराट भी अच्छा खेल रहे थे। रोहित ने चोटिल एश्टन एगर की जगह आए जांपा सहित ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को निशाने पर लेकर पांच छक्के भी लगाए।
ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया आसानी से लक्ष्य पा लेगी, लेकिन 23वें ओवर में विराट ने बैकवर्ड प्वांइट की तरफ शॉर्ट मारा। स्मिथ ने बायें तरफ डाइव मारते हुए गेंद को रोककर वापस फेंका। इस समय तक रोहित और विराट बल्लेबाजी छोर तक आ चुके थे। हेड ने मिडविकेट पर स्मिथ के थ्रो को पकड़कर गेंदबाज रिचर्डसन के पास फेंका, जिन्होंने रोहित को रनआउट कर दिया। रोहित ने इसी मैदान पर 2013 में दोहरा शतक लगाया था। इसके एक ओवर बाद नाथन कूल्टर-नील ने विराट को बोल्ड कर दिया।
दबाव में पांड्या भी आउट
पांड्या की शानदार फॉर्म को देखते हुए प्रबंधन ने उन्हें फिर चौथे नंबर पर उतारा। उन्होंने आते ही स्पिनर हेड की गेंद पर लांग ऑफ पर, तो जांपा के ओवर में मिडविकेट व कवर पर छक्के लगाए। वह और जाधव 37 ओवर तक टीम को 225 रन तक ले गए। दबाव कम करने के लिए पांड्या ने जांपा के अगले ओवर पर छक्का मारने की कोशिश की, लेकिन लांग ऑफ पर लपके गए।
इसके बाद जाधव और मनीष ने पारी को आगे बढ़ाया। 41वें ओवर के बाद स्मिथ ने जेब से पर्चा निकालकर देखा कि डकवर्थ लुइस के हिसाब से उनकी टीम कहां है। इसके एक गेंद बाद ही बारिश के कारण मैच रोकना पड़ा, लेकिन थोड़ी देर बाद ही बारिश रुक गई और मैच फिर से शुरू हो गया। हालांकि, दबाव बढ़ता गया और जाधव, मनीष के बाद महेंद्र सिंह धौनी (13) के आउट होते ही भारत की आशा निराशा में बदल गई।