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राजस्थान रॉयल्स से अलग होंगे राज कुंद्रा

राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक और बॉलीवुड हीरोइन शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की फ्रेंचाइजी से जल्द अलग हो जाएंगे। उनकी राजस्थान रॉयल्स टीम में लगभग 12 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कुंद्रा आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग और भ्रष्टाचार की जांच करने वाली मुद्गल समिति की रिपोर्ट के

By sanjay savernEdited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 09:38 AM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 09:43 AM (IST)
राजस्थान रॉयल्स से अलग होंगे राज कुंद्रा

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक और बॉलीवुड हीरोइन शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) की फ्रेंचाइजी से जल्द अलग हो जाएंगे। उनकी राजस्थान रॉयल्स टीम में लगभग 12 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कुंद्रा आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग और भ्रष्टाचार की जांच करने वाली मुद्गल समिति की रिपोर्ट के बाद कठघरे में हैं।

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समिति ने सुप्रीम कोर्ट में पेश रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है कि कुंद्रा ने बीसीसीआइ-आइपीएल की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता का उल्लंघन किया है। आचार संहिता के प्रावधान के अनुसार कोई भी फ्रेंचाइजी, समूह कंपनी या मालिक यदि किसी भी रूप में ऐसा आचारण करता है जिससे लीग या बीसीसीआइ-आइपीएल की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है तो फ्रेंचाइजी निरस्त कर दी जाएगी। सेवानिवृत जस्टिस मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली इस समिति ने यह सवाल भी उठाया था कि राजस्थान पुलिस ने दिल्ली पुलिस को मामला स्थानांतरित किये जाने के बाद कुंद्रा की सट्टेबाजी की गतिविधियों के बारे में अचानक ही जांच रोक क्यों दी।

रिपोर्ट में फंसे कुंद्रा अपनी इज्जत बचाने के लिए राजस्थान रॉयल्स से अलग होंगे। हालांकि उन्हें टीम की चिंता नहीं है। वह सिर्फ अपने आप को बचाने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। राजस्थान रॉयल्स के बाकी सहमालिक भी चाहते हैं कि कुंद्रा टीम छोड़ दें जिसके बाद टीम के आइपीएल से बर्खास्त होने के अवसर कम हो जाएंगे।

कुंद्रा के खिलाफ कई पुख्ता सुबूत पाए गए हैं। उनके दोस्त उमेश गोयनका ने पहले राजस्थान पुलिस को कुंद्रा के खिलाफ बयान दिया था, लेकिन बाद में वह मुकर गया। गोयनका ने मुद्गल समिति के सामने भी इस बात से इन्कार किया था। हालांकि एक सट्टेबाज ने मुद्गल समिति को बताया है कि राज ने अपने बेटे के एक कार्यक्रम में उसे बुलाया था। वहां पर उसकी खूब खातिरदारी हुई। इसके बाद कुंद्रा ने उसे अपनी टीम के सदस्यों से भी मिलवाया। इसके बाद कई बार सट्टा भी लगाया गया। उस सट्टेबाज ने मुद्गल समिति को बताया था कि उसे अभी भी सट्टे के आठ लाख रुपये कुंद्रा से लेने हैं। सबसे खास बात यह है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इस मामले में अपने निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और आइपीएल के तत्कालीन सीओओ सुंदर रमन का समर्थन कर रहा है लेकिन कुंद्रा को अकेले छोड़ दिया गया है। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई गुरुवार को होनी है। इस दौरान दागी खिलाडिय़ों के नाम उजागर किये जाने की उम्मीद है।

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