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Ranji Trophy: ऐसा मैच और कहां- अर्धशतक पूरा करवाने के लिए अंपायरों ने दोबारा शुरू किया मुकाबला

मैदानी अंपायर और ऑनलाइन स्कोरर की गलतफहमी से बिहार क्रिकेट संघ को फजीहत का सामना करना पड़।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 09:55 PM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 09:58 PM (IST)
Ranji Trophy: ऐसा मैच और कहां- अर्धशतक पूरा करवाने के लिए अंपायरों ने दोबारा शुरू किया मुकाबला
Ranji Trophy: ऐसा मैच और कहां- अर्धशतक पूरा करवाने के लिए अंपायरों ने दोबारा शुरू किया मुकाबला

जागरण संवाददाता, पटना। गोवा और बिहार के बीच रणजी मुकाबला हार-जीत के बगैर समाप्त हुआ, लेकिन मैदानी अंपायर और ऑनलाइन स्कोरर की गलतफहमी से बिहार क्रिकेट संघ (बीसीए) को फजीहत का सामना करना पड़। मोइनुल हक स्टेडियम में फैसला न होते देख बीसीसीआइ की ओर से नियुक्त कर्नाटक के अंपायर पी जयपाल और हैदराबाद के ए नंद किशोर ने दोनों टीमों के कप्तानों की रजामंदी के बाद गिल्ली गिराकर मैच को ड्रॉ समाप्त करने की घोषणा कर दी।

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इसके बाद खिलाड़ी एक-दूसरे से हाथ मिला रहे थे, तभी ऑनलाइन स्कोरर परमजीत सिंह की ओर से पता चला कि इस मैच से पदार्पण कर रहे कुमार मृदुल अपने अर्धशतक से एक रन पीछे हैं। फिर क्या था। अंपायरों ने आनन-फानन में दोबारा स्टंप डाल मैच शुरू किया। एक ओवर का मैच हुआ और मृदुल ने छक्का मारकर अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद अंपायरों ने स्टंप से गिल्ली हटाकर दोबारा मैच समाप्त करने की घोषणा की। मैच रेफरी बड़ौदा के बाल्मीक बुच, भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई (एसीयू) के संयोजक पूर्व अंतरराष्ट्रीय अंपायर एलपी वर्मा, बीसीए के तमाम पदाधिकारी और क्रिकेट प्रेमियों के सामने घटी इस घटना ने बीसीसीआइ की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

एसीयू के संयोजक एलपी वर्मा के अनुसार, यह मानवीय भूल है, जो अंपायरों और स्कोरर से हुई है। हालांकि समय रहने पर नियमानुसार यह गलत भी नहीं है। चाय के समय स्टंप से गिल्ली हटाने के बाद अंपायरों को पता चला कि अभी तीन मिनट का समय शेष है। ऐसे में उन्होंने दोनों कप्तानों की सहमति से मैच दोबारा शुरू करवाकर मृदुल को अर्धशतक पूरा करने में मदद की। अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी ऐसा हुआ है।

1999-2000 में कोच्चि में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे मुकाबले में ऐसा हो चुका है। मैं उस समय मैच टीवी अंपायर था। स्कोरर की गलतफहमी से भारत को विजेता घोषित कर दिया गया था। बाद में पता चला कि स्कोर अभी बराबर है। इसके बाद अंपायरों ने दोबारा मैच शुरू किया । बीसीए सचिव संजय कुमार ने माना कि जब पूरे एक सत्र का समय शेष था, तब जल्दबाजी दिखाने की जरूरत नहीं थी। तीन जनवरी से पटना में ही मिजोरम से बिहार का अगला मुकाबला होगा। ऐसा दोबारा न हो, इसका हम ध्यान रखेंगे।

अंपायर के बाद इस घटनाक्रम के मुख्य बिंदु रहे कुमार मृदुल ने कहा कि मैं गोवा के कप्तान अमित वर्मा का शुक्रगुजार रहूंगा, जिनकी सहमति के बाद दोबारा मैच शुरू हुआ और मैं अपने पहले मैच में पहला प्रथम श्रेणी अर्धशतक पूरा करने में कामयाब हुआ। बहरहाल इस ड्रॉ मुकाबले में बिहार ने पहली पारी में 326 रन बनाए थे। जवाब में गोवा ने 470 रन बनाकर बढ़त हासिल कर ली। बिहार ने दूसरी पारी में एक विकेट पर 162 रन बनाए। गोवा को बढ़त के आधार पर तीन अंक अंक मिले, जबकि बिहार को एकअंक से संतोष करना पड़ा।


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