वाडा को लेकर बीसीसीआइ की आम सभा में हो सकता है फैसला- सीके खन्ना
नाडा और बीसीसीआइ का विवाद एक बार फिर से चर्चा में आ गया है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और बीसीसीआइ के बीच का विवाद एक बार फिर सबके सामने आ गया है। बीसीसीआइ के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने कहा कि आइसीसी के लगातार कहने के बावजूद बीसीसीआइ का फिलहाल नाडा के अंतर्गत आने की संभावना नहीं है। सिंगापुर में आइसीसी बोर्ड बैठक में हिस्सा लेने वाले बीसीसीआइ के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने इस मामले में अपनी बात कही जो कि बोर्ड के वर्तमान रवैये से अलग है।
अमिताभ चौधरी ने कहा कि टॉप क्रिकेटरों के विरोध के बावजूद बीसीसीआइ को वाडा के नियमों का पालन करना चाहिए। क्रिकेटर्स को अपने 'वेयरअबाउट क्लॉज' पर आपत्ति है। इस क्लॉज के तहत खिलाड़ियों को हर दिन का अपना कम से एक घंटे का प्लान बताना होता है। वहीं खन्ना ने कहा कि कार्यवाहक सचिव ने अपने विचार रखे लेकिन यह बीसीसीआइ की आम सभा का मत नहीं है। मुझे नहीं लगता कि आम सभा गठित होने तक नीति संबंधी किसी मसले पर फैसला किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यहां तक कि सीओए ने भी यह मसला आम सभा पर छोड़ने का फैसला किया है। यह गंभीर मामला है और इसमें क्रिकेटर सबसे बड़े हितधारक हैं। आप उन्हें इससे अलग करके अकेले फैसला नहीं ले सकते हो। बीसीसीआइ हमेशा वाडा संहिता पर हस्ताक्षर करने से बचता रहा है क्योंकि इससे वह राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के अंतर्गत आ जाएगा। बीसीसीआइ सरकार से भी अनुदान नहीं लेता है। आइसीसी के लिये बीसीसीआइ को वाडा संहिता के अंतर्गत लाना महत्वपूर्ण है क्योंकि विश्व संस्था इस खेल को ओलंपिक में शामिल करने की कोशिश में लगा है।