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भारत-पाक क्रिकेट की बहाली विचार-विमर्श के बाद ही: सोनोवाल

केंद्रीय खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत-पाक द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों की बहाली के लिए काफी विचार-विमर्श की जरूरत हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि खेल को राजनीति से परे होना चाहिए। बीसीसीआई ने पीसीबी के साथ 2015 से 2023 तक छह द्विपक्षीय सीरिज खेलने के करार पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों के बीच 200

By Edited By: Published: Wed, 02 Jul 2014 08:42 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jul 2014 09:00 PM (IST)
भारत-पाक क्रिकेट की बहाली विचार-विमर्श के बाद ही: सोनोवाल

नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत-पाक द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों की बहाली के लिए काफी विचार-विमर्श की जरूरत हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि खेल को राजनीति से परे होना चाहिए।

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बीसीसीआई ने पीसीबी के साथ 2015 से 2023 तक छह द्विपक्षीय सीरिज खेलने के करार पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों के बीच 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद संपूर्ण द्विपक्षीय सीरिज नहीं खेली गई है। भारत ने आखिरी बार 2006 में पाकिस्तान का दौरा किया था। सोनोवाल ने कहा कि हम दूसरे देशों के साथ खेलों के जरिये अच्छे संबंध बना सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान समेत सार्क देशों के सभी प्रमुखों को बुलाया था जो अच्छा संकेत हैं। फिलहाल मैं इतना ही कह सकता हूं कि पहले हमें इस मामले पर बात करने दीजिये। बातचीत के दरवाजे हमेशा खुले हैं।

एशियाई खेल 2019 की मेजबानी की दावेदारी के बारे में सोनोवाल ने कहा कि हमने आईओए से विस्तृत प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था जो हमें अभी तक नहीं मिला है। मैं खेल सचिव से इस पर बात करूंगा। आईओए ने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा है। हम इस पर बात करेंगे और एक या दो दिन में फैसला ले लेंगे। उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय खेल महासंघों [एनएसएफ] की स्वायत्ता रहनी चाहिए लेकिन उन्हें देशवासियों की अपेक्षाओं पर भी खरा उतरना होगा। जवाबदेही जरूरी है। अनुशासन, ऊंचे मानदंड बनाए रखना और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है। हमें इस पर ध्यान रखना होगा। पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में लंबित खेल विधेयक के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हमें खेल विधेयक पर नए सिरे से बात करनी होगी। मैं विस्तार में नहीं जाना चाहता लेकिन संबंधित सभी पक्षों से बात की जाएगी। मेरा भरोसा आपसी सहयोग में है लड़ाई में नहीं।

सोनोवाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य रियो ओ¨लपिक में अधिक पदक लाना है और मंत्रालय 100 फीसद प्रयास करेगा। मैंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से बजट में खेलों के लिए आवंटन बढ़ाने का भी अनुरोध किया है। फिलहाल हमारा ध्यान राष्ट्रकुल और एशियाई खेल है लेकिन ओ¨लपिक की तैयारियों के लिए भी कई योजनाएं बनाई जाएंगी। भारत मुक्केबाजी, निशानेबाजी, बैड¨मटन और तीरंदाजी जैसे खेलों में पदक का प्रबल दावेदार है। खेल मंत्रालय प्रतिभा तलाश योजना जल्दी ही शुरू करके इनमें जमीनी स्तर से प्रतिभाओं को तलाशकर तैयार करेगा। सिर्फ खिलाड़ियों ही नहीं बल्कि कोचों व ट्रेनरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। हमें देश में खेल संस्कृति का विकास करना है और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन हमारी प्राथमिकता है। हम खेलों को शैक्षणिक पाठयक्रम में भी जोड़ना चाहते हैं ताकि इसे राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जा सके। भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है और हमारा लक्ष्य भारत को खेल की महाशक्ति बनाना है।

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