श्रीसंत ही नहीं, इन पर भी लग चुका है फिक्सिंग का कलंक
फिक्सिंग..क्रिकेट की दुनिया का वह राक्षस, जिसने कई खिलाड़ियों के करियर रातों-रात बर्बाद कर दिए। एक ऐसा कलंक जिसने कई बार एक खिलाड़ी के साथ-साथ, पूरे देश और खेल को शर्मिदा किया। सालों से चले आ रहे खेल के अंदर के इस 'खेल' को रोकने व इस पर लगाम कसने के दावे-वादे तो खूब किए जाते हैं लेकिन हकीकत.
नई दिल्ली। फिक्सिंग..क्रिकेट की दुनिया का वह राक्षस, जिसने कई खिलाड़ियों के करियर रातों-रात बर्बाद कर दिए। एक ऐसा कलंक जिसने कई बार एक खिलाड़ी के साथ-साथ, पूरे देश और खेल को शर्मिदा किया। सालों से चले आ रहे खेल के अंदर के इस 'खेल' को रोकने व इस पर लगाम कसने के दावे-वादे तो खूब किए जाते हैं लेकिन हकीकत अब तक इससे परे ही रही है। आज एस. श्रीसंत जैसा एक प्रतिभावान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इस फिक्सिंग के कलंक में अपना पूरा करियर व सभी बेशुमार सफलता और सम्मान को गंवा बैठा है, लेकिन ऐसा भारतीय क्रिकेट में पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी कई क्रिकेटर इस भंवर में फंसे हैं, कुछ बाद में सबूतों के आभाव में इस कलंक से कानूनी तौर पर निजात पाने में तो सफल रहे लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और उनके करियर बर्बाद हो चुके थे। आखिर फिक्सिंग के इस जाल ने किसको-किसको लपेटा, आइए जानते हैं..
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1. मोहम्मद अजहरुद्दीन:
क्रिकेट के सबसे काले अध्याय में से एक था साल 2000 के करीब हुआ वह फिक्सिंग कांड जिसने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया। भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन और दक्षिणी अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोन्ये दोनों के साथ-साथ कई खिलाड़ियों को इस फिक्सिंग कांड की भेंट चढ़ना पड़ा था। दिसंबर 2000 में बोर्ड ने जांच के बाद अजहरुद्दीन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि साल 2012 में आंध्र प्रदेश हाइ कोर्ट ने अजहर के ऊपर से बैन के कलंक को हटा दिया।
2. अजय शर्मा:
2000 में इस भारतीय खिलाड़ी को फिक्सिंग का दोषी पाया गया और बुकी के साथ उनके संबंधों को देखते हुए जांच के बाद अजहर के साथ अजय शर्मा पर भी आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया।
3. टीपी सुधींद्र:
14 मई 2012 को आंध्र प्रदेश के राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ी टीपी सुधींद्र को एक टीवी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में एक घरेलू मैच में पैसों के लिए नो बॉल फेंकने की बात कबूल करते हुए पाया गया। उन्होंने यह गेंद मध्यप्रदेश टी20 लीग में फेंकी थी। जबकि इस वीडियो में उन्हें आइपीएल व भारतीय क्रिकेट के तमाम अन्य स्तर पर आराम से फिक्सिंग करने की बातें करते हुए भी देखा गया। बीसीसीआइ ने सुधींद्र पर आजीवन प्रतिबंध लगाया।
4. एस. श्रीसंत:
भारतीय खिलाड़ी एस श्रीसंत को आइपीएल के सीजन 6 में फिक्सिंग करने का दोषी पाया गया और बीसीसीआइ ने उन्हें सख्त सजा देते हुए सितंबर 2013 में उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया। रवि सावानी की अगुआई वाली जांच समिति ने जांच में श्रीसंत को दोषी पाया और वह आजीवन प्रतिबंध झेलने वाले चौथे भारतीय खिलाड़ी बन गए।
5. अंकित चवान:
आइपीएल में राजस्थान रॉयल्स से खेलने वाले मुंबई में जन्में उभरते हुए खिलाड़ी अंकित चवान पर भी श्रीसंत के साथ बीसीसीआइ ने जांच के बाद स्पॉट फिक्सिंग मामले में आजीवन प्रतिबंध की सजा सुनाई। अंकित 27 वर्ष के हैं।
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6. मनोज प्रभाकर (5 साल):
शानदार भारतीय ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर ने साल 2000 में पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव पर उन्हें फिक्सिंग में झोंकने के आरोप लगाए लेकिन यह आरोप उल्टा उन्हीं पर भारी पड़ गए और जांच के बाद कई अन्य खिलाड़ियों के साथ उन्हें ही फिक्सिंग का दोषी पाया गया। प्रभाकर ने आरोप लगाया था कि पैसों का लालच देते हुए एक खिलाड़ी ने उन पर 1994 में एक मैच के दौरान फिक्सिंग का दबाव बनाया था। साल 2000 में उन्होंने कपिल देव को वह खिलाड़ी बताया। बीसीसीआइ ने जांच समिति गठित की और देश भर में आइटी अधिकारियों ने शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों व क्रिकेट अधिकारियों के घर छापेमारी की जिसके बाद खुलासे हो सके।
7. अजय जडेजा (5 साल):
मनोज प्रभाकर द्वारा लगाए गए फिक्सिंग के आरोप जब उन्हीं पर भारी पड़े तब जांच समिति की जांच में अजहर व अजय शर्मा के साथ-साथ अजय जडेजा भी वह खिलाड़ी थे जो लपेटे में आए। एक शानदार क्रिकेट करियर के बीच जडेजा पर बीसीसीआइ ने पांच साल का बैन लगा दिया जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी कभी वापसी नहीं हो पाई। हालांकि बाद में अदालत ने उन पर लगे बैन को हटा लिया था और उन्हें सबूतों के आभाव में निर्दोष भी माना था लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और भारतीय क्रिकेट एक हुनरमंद खिलाड़ी के करियर के महरूम रह गया।
8. शलभ श्रीवास्तव (5 साल):
उत्तर प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ी शलभ श्रीवास्तव पर भी टीपी सुधींद्र की तरह एक स्टिंग ऑपरेशन में फिक्सिंग में दोषी पाए जाने पर जांच के बाद बीसीसीआइ के सख्त रुख को झेलना पड़ा और उन पर पांच साल का बैन लगाया गया।
9. अमित सिंह (5 साल):
आइपीएल में राजस्थान रॉयल्स से खेलने वाले कर्नाटक के 32 वर्षीय मध्यम तेज गति के गेंदबाज अमित सिंह पर भी आइपीएल सीजन 6 के स्पॉट फिक्सिंग कांड में बीसीसीआइ ने जांच समिति की रिपोर्ट को देखते हुए पांच साल का प्रतिबंध लगाया।
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10. सिद्धार्थ त्रिवेदी, अमित यादव, अभिनव बाली और मोहनीश मिश्रा (एक साल):
2013 आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में राजस्थान के गेंदबाज 31 वर्षीय सिद्धार्थ त्रिवेदी को भी बीसीसीआइ ने सजा सुनाते हुए उन पर एक साल का प्रतिबंध लगाया, वहीं, अमित यादव, अभिनव बाली और मोहनीश मिश्रा पर 2012 के टीवी स्टिंग ऑपरेशन के फिक्सिंग खुलासे में एक-एक साल का बैन लगाया गया।
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