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श्रीनिवासन हटाओ मुहिम और तेज

मुंबई। आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में दामाद गुरुनाथ मयप्पन की गिरफ्तारी के बाद निशाने पर आए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआइ] के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के खिलाफ आवाजें और तेजी से बुलंद होने लगी हैं। गुरुवार को बीसीसीआइ के पूर्व सचिव जयवंत लेले के साथ गोवा और असम क्रिकेट संघों ने भी श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की है। मुंबई पुलिस ने मयप्पन को आइपीएल-6 में सट्टेबाजी करने और चेन्नई टीम की सूचनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से बोर्ड अध्यक्ष पर इस्तीफा देने का दबाव है। हालांकि श्रीनिवासन यह कहते हुए पद छोड़ने से इन्कार कर रहे हैं कि निजी तौर पर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।

By Edited By: Published: Thu, 30 May 2013 08:17 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2013 09:33 PM (IST)
श्रीनिवासन हटाओ मुहिम और तेज

मुंबई। आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में दामाद गुरुनाथ मयप्पन की गिरफ्तारी के बाद निशाने पर आए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड [बीसीसीआइ] के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के खिलाफ आवाजें और तेजी से बुलंद होने लगी हैं। गुरुवार को बीसीसीआइ के पूर्व सचिव जयवंत लेले के साथ गोवा और असम क्रिकेट संघों ने भी श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की है। मुंबई पुलिस ने मयप्पन को आइपीएल-6 में सट्टेबाजी करने और चेन्नई टीम की सूचनाएं देने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से बोर्ड अध्यक्ष पर इस्तीफा देने का दबाव है। हालांकि श्रीनिवासन यह कहते हुए पद छोड़ने से इन्कार कर रहे हैं कि निजी तौर पर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।

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लेले ने कहा कि नैतिक आधार पर श्रीनिवासन के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अब उन्हें बोर्ड अध्यक्ष बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अगर वह इस्तीफा देते हैं तो वह सम्मान के साथ जाएंगे, अगर नहीं तो उन्हें हटाना पड़ेगा। लेले के मुताबिक बीसीसीआइ के दस पूर्णकालिक सदस्यों को एक विशेष आम बैठक बुलाकर एक सूत्री एजेंडे के तहत श्रीनिवासन को हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीसीसीआइ के संविधान के अनुसार, कम से कम दस पूर्णकालिक सदस्य अगर मांग करते हैं तो उनके पास बैठक बुलाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।

इस बीच, गोवा क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष शेखर सालकर ने कहा कि श्रीनिवासन के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जब श्रीनिवासन का दामाद ही इसमें शामिल है तो किस आधार पर वह अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं। ऐसे में निष्पक्ष जांच का सवाल ही नहीं उठता। बीसीसीआइ की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए उन्हे जांच पूरी होने तक इस्तीफा दे देना चाहिए। असम क्रिकेट संघ के अध्यक्ष गौतम राय ने भी सालकर का समर्थन करते हुए कहा कि जांच पूरी होने तक श्रीनिवासन पद छोड़े। केरल क्रिकेट संघ (केसीए) के एक अधिकारी ने कहा कि यह गंभीर मामला है और केसीए की केंद्रीय परिषद के सदस्य भी अनौपचारिक रूप से श्रीनिवासन के इस्तीफे के बारे में बात कर रहे हैं। अगर इस संबंध में बीसीसीआइ की कोई बैठक बुलाई जाती है तो केसीए सचिव को बैठक में हिस्सा लेने भेजा जाएगा।

शरद पवार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजीव शुक्ला, जितेंद्र सिंह और शशांक मनोहर पहले ही श्रीनिवासन को हटाने का समर्थन कर चुके हैं।

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