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मुंबई, विदर्भ और पंजाब क्रिकेट बोर्ड के सामने आ सकती है बड़ी मुश्किल

आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में एन श्रीनिवासन को मुदï्गल समिति से क्लीन चिट मिलने के बाद टेस्ट मैचों का नियमित आयोजन करने वाले बीसीसीआइ के तीन शक्तिशाली संघों मुंबई, विदर्भ और पंजाब को बोर्ड के सत्ताधारी गुट के कड़े रवैये का सामना करना पड़ सकता है।

By ShivamEdited By: Published: Thu, 20 Nov 2014 10:22 AM (IST)Updated: Thu, 20 Nov 2014 10:26 AM (IST)
मुंबई, विदर्भ और पंजाब क्रिकेट बोर्ड के सामने आ सकती है बड़ी मुश्किल

मुंबई। आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामले में एन श्रीनिवासन को मुद्गल समिति से क्लीन चिट मिलने के बाद टेस्ट मैचों का नियमित आयोजन करने वाले बीसीसीआइ के तीन शक्तिशाली संघों मुंबई, विदर्भ और पंजाब को बोर्ड के सत्ताधारी गुट के कड़े रवैये का सामना करना पड़ सकता है।

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बीसीसीआइ कार्यकारिणी की मंगलवार को चेन्नई में हुई बैठक में भाग लेने वाले सूत्र ने कहा, 'बोर्ड की कार्यकारिणी में इस बात पर चर्चा हुई कि श्रीनिवासन को क्लीन चिट मिलने के बाद बोर्ड को मामले में जितना खर्च करना पड़ा, उसकी उगाही के लिए मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए), पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) और विदर्भ क्रिकेट संघ (वीसीए) पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

सूत्र से पूछा गया कि इन संघों पर ही जुर्माना क्यों लगाने की बात की गई, उन्होंने बताया कि यह पाया गया कि इन संघों से जुड़े कुछ पूर्व और वर्तमान प्रशासक श्रीनिवासन के खिलाफ मामला दर्ज करने वाले आदित्य वर्मा का समर्थन कर रहे थे जो कि गैरमान्यता प्राप्त क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के प्रतिनिधि हैं। संयोग से एमसीए के अध्यक्ष शरद पवार हैं जिन्हें बीसीसीआइ के निर्वासित अध्यक्ष श्रीनिवासन का विरोधी माना जाता है। दो अन्य संघों से शशांक मनोहर और आइएस बिंद्रा जुड़े रहे हैं। ये दोनों भी श्रीनिवासन के खिलाफ रहे हैं।

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