टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मो. सिराज के पिता का निधन, नहीं दे पाएंगे उन्हें अंतिम विदाई
भारतीय टीम इस समय ऑस्ट्रेलिया में है और टीम के साथ तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज हैं। इसी बीच उनके पिता का निधन हो गया है और ऐसे में वे अपने पिता को अंतिम विदाई के लिए भी हैदराबाद नहीं लौट सकते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। India Tour of Australia: IPL 2020 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर यानी आरसीबी के लिए अच्छा प्रदर्शन करने वाले और घरेलू क्रिकेट में अपना दमखम दिखाने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को भारतीय टीम में चुना गया है, जिसे चार टेस्ट मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया का सामना करना है। इसी बीच आगामी सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया में मौजूद तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के पिता मोहम्मद गौस का निधन हो गया है।
गौस 53 वर्ष के थे और फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे। एक क्रिकेटर के रूप में सिराज की सफलता में उनके पिता की अहम भूमिका रही और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने बेटे की महत्वाकांक्षाओं का समर्थन किया। सिराज की इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने इस बात की जानकारी दी है कि सिराज के पिता गौस का निधन हो गया है। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे।
आरसीबी ने ट्वीट किया, "मोहम्मद सिराज और उनके परिवार के प्रति हम तहेदिल से प्रार्थना करते हैं और शोक जताते हैं जिन्होंने अपने पिता को खो दिया। पूरा आरसीबी परिवार इस मुश्किल समय में आपके साथ है। मियां, मजबूत बने रहिए।" पता चला है कि क्वारंटाइन से जुड़े नियमों के कारण सिराज अंतिम विदाई के लिए हैदराबाद नहीं लौटेंगे। भारतीय टीम 13 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद अभी 14 दिन के क्वारंटाइन समय से गुजर रही है।
Our heartfelt prayers and condolences go out to Mohammed Siraj & his family, on the loss of his father. The entire RCB family is with you during this difficult time. Stay strong, Miyan 🙏🏻— Royal Challengers Bangalore (@RCBTweets) November 20, 2020
गौरतलब है कि जब आरसीबी के लिए यूएई में आइपीएल खेलते हुए उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया था तो शहर के सभी अखबारों में उनकी तस्वीर छपी थी। उस समय उनके पिता बीमार थे, लेकिन उन्होंने बेटे के प्रदर्शन की तारीफ की थी और वे उन दिनों प्रसन्न नजर आए थे, लेकिन अब मोहम्मद सिराज पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, लेकिन अब लॉकडाउन है और सिराज ऑस्ट्रेलिया में हैं तो वे अंतिम दर्शन के लिए भी भारत नहीं लौट पाएंगे।