फिक्सिंग मामले को लेकर इस खिलाड़ी ने लगाए आइसीसी पर गंभीर आरोप
न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर क्रिस केर्न्स के खिलाफ मैच फिक्सिंग के सबूत देने वाले पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकलम ने दावा किया है कि आइसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई का रवैया इस मामले में गंभीर नहीं था
लंदन। न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर क्रिस केर्न्स के खिलाफ मैच फिक्सिंग के सबूत देने वाले पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैकलम ने दावा किया है कि आइसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई का रवैया इस मामले में गंभीर नहीं था और उनका विश्वास आइसीसी पर से उठ चुका है। केर्न्स को नौ सप्ताह तक चली सुनवाई के बाद नवंबर 2015 में मैच फिक्सिंग के आरोपों से बरी कर दिया गया था।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक मैक्कुलम ने ‘एमसीसी स्पिरिट ऑफ क्रिकेट’ लेक्चर के दौरान आइसीसी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पूर्व हीरो केर्न्स ने 2008 में मैच फिक्सिंग के लिए मुझसे संपर्क किया। एक बार कोलकाता में जहां मैं पहली बार आइपीएल खेल रहा था और फिर न्यूजीलैंड के इंग्लैंड दौरे पर जब हम वोर्सेस्टर में थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगा कि यहां क्रिकेट के घर में यह पुष्टि करना सही होगा कि मैं अपनी हर बात पर कायम हूं और हर उस साक्ष्य पर जो मैंने साउथवार्क क्राउन कोर्ट को दिए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘विश्व कप 2011 में न्यूजीलैंड के पहले मैच से पूर्व आइसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई के प्रतिनिधि जान रोड्स ने हमसे बात की थी। उन्होंने कहा कि यदि हमसे किसी ने मैच फिक्सिंग के लिए संपर्क किया है और हम उसकी जानकारी नहीं दे रहे तो हम भी अपराधी हैं। मैंने लोगों को केर्न्स के बारे में बताया जिनमें पूर्व कप्तान और मेरे दोस्त डेनियल विटोरी शामिल थे।
मैकलम ने कहा कि रोड्स के रवैये को देखकर वह हैरान रह गए थे। उन्होंने कहा, ‘जान रोड्स के संबोधन के बाद मैंने डेन से बात की और हम रोड्स से मिलने गए। रोड्स हमें अपने होटल के कमरे में ले गये जहां मैंने उन्हें केर्न्स के बारे में बताया तब उन्होंने इसे नोट किया लेकिन हमारी बातचीत रिकॉर्ड नहीं की। उन्होंने कहा कि वह इसे कागज पर लिखेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मैं हैरान रह गया कि सबूत लेने के मामले में उनका रवैया कितना लापरवाही भरा था। उस वक्त मैंने उन्हें बताया कि पूर्व अंतरराष्ट्रीय स्टार ने दो बार फिक्सिंग के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने मुझे खुलकर बताने के लिए कहा ही नहीं।
मैकलम ने कहा, ‘मैं अक्टूबर 2015 में लंदन में कटघरे में था जहां मैंने तीन बयान दिए। दूसरे बयान का अनुरोध आइसीसी की भ्रष्टाचार निरोधक ईकाई ने काफी बाद में किया जिससे साफ है कि पहला बयान नाकाफी था.’ उन्होंने कहा, ‘आईसीसी को खिलाड़ियों के साथ इससे बेहतर बर्ताव करना चाहिए. सबूत एकत्र करने की प्रक्रिया अधिक पेशेवर होनी चाहिए.’
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