Move to Jagran APP

आइपीएल मामलाः खत्म हुआ श्रीनिवासन का खेल

आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट की अहम सुनवाई में आज सुप्रीम कोर्ट ने 130 पन्नों का फैसला पढ़कर सुनाया है। राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा और श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन पर कोर्ट ने कड़ा रवैया अपनाया है। वहीं, इस फैसले में श्रीनिवासन को थोड़ी बहुत राहत

By ShivamEdited By: Published: Thu, 22 Jan 2015 02:46 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jan 2015 11:12 AM (IST)
आइपीएल मामलाः खत्म हुआ श्रीनिवासन का खेल

नई दिल्ली। क्रिकेट को कारोबार बना देने वाले एन श्रीनिवासन के चंगुल से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को मुक्त कराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे पर रोक लगाने का फैसला सुनाया।

loksabha election banner

शीर्ष कोर्ट ने आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीनिवासन को संलिप्त तो नहीं माना, लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स का मालिक होने के साथ बीसीसीआइ अध्यक्ष पद पर बने रहने को 'हितों के टकराव' का मामला माना। हालांकि श्रीनिवासन किसी भी तरह की कानूनी सजा से तो बच निकले, लेकिन अब भारतीय क्रिकेट के साथ-साथ विश्व क्रिकेट पर राज करने की उनकी महत्वाकांक्षा पूरी नहीं होगी।

कोर्ट ने कहा है कि श्रीनिवासन बीसीसीआइ अध्यक्ष और चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) के मालिक एक साथ नहीं रह सकते हैं। उन्हें बीसीसीआइ या सीएसके में से किसी एक को चुनना होगा। हालांकि, इससे पहले कोर्ट ने कहा कि श्रीनिवासन पर मामले को दबाने के आरोप साबित नहीं हुए हैं। मयप्पन को बचाने केआरोपों पर श्रीनिवासन को एक तरह से क्लीनचिट मिल गई है। कोर्ट ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा श्रीनिवासन पर मामले को दबाने का शक है।

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि श्रीनिवासन का टीम मालिक होना सारे विवादों की जड़ है। किसी भी बीसीसीआइ अधिकारी का व्यावसायिक हित नहीं होना चाहिए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआइ के नियमों में बदलाव को खारिज कर दिया। इसी संशोधन से श्रीनिवासन को आइपीएल टीम खरीदने की इजाजत दी गई थी। कोर्ट ने बीसीसीआइ के नियमों में संशोधन को 'विलेन' बताया।

फैसले की बड़ी बातें :

* श्रीनिवासन नहीं लड़ सकेंगे बीसीसीआइ अध्यक्ष पद का चुनाव

* अगले छह हफ्ते में कराया जाए बीसीसीआइ अध्यक्ष पद का चुनाव

* गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा को सट्टेबाजी का दोषी माना

* तीन सदस्यीय समिति मयप्पन, कुंद्रा सहित स्पॉट फिक्सिंग के दोषियों पर करेगी कार्रवाई

* अदालत ने बीसीसीआइ के विवादित नियम 6.2.4 क्लॉज को गलत ठहराया। इस नियम के तहत बीसीसीआइ का अधिकारी आइपीएल टीम का मालिक बन सकता था।

* बीसीसीआइ को एक सार्वजनिक संस्था माना। अब उसके खिलाफ दाखिल किया जा सकेगा पीआइएल

* माना, बीसीसीआइ ने आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी कांड की जांच के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।

क्रिकेट की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

खेल की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.