आइपीएल 10 के मैचों में पिचों पर तेजाब छिड़ककर हो रही थी फिक्सिंग?
विचित्र तरीके से मैच के नतीजे को प्रभावित करने की कोशिश की जाती थी...
नई दिल्ली, जेएनएन। आइपीएल 10 में भी फिक्सिंग का साया मंडराने लगा है। इससे पहले आइपीएल में फिक्सिंग के खुलासों को लेकर कड़ी कार्रवाई की गई थी और दो टीमों को आइपीएल से बाहर का रास्ता देखना पड़ा था। फिर से फिक्सिंग का भूत सामने आने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं।
कानपुर के एक होटल से बुकी को पकड़े जाने के बाद फिक्सिंग का खुलासा हुआ है। यहां पर बुधवार को गुजरात और दिल्ली के बीच मैच हुआ था और शनिवार यानी आज भी गुजरात और हैदराबाद के बीच मैच होना है। पकड़े गए लोगों में नयन शाह, विकास चौहान, रमेश और एक ग्राउंडमैन शामिल हैं।
महाराष्ट्र के अंडर 19 खिलाड़ी नयन शाह ने कबूल किया है कि उसके सट्टेबाजों से रिश्ते रहे हैं और वह आइपीएल में मैचों के नतीजे प्रभावित करने के लिए पिचों से छेड़छाड़ करवाता था। बताया जाता है कि वह पिच के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी अपने गैंग के साथियों को देता था।
नयन ने पुलिस को बताया कि आइपीएल के सभी मैचों के पिच की जानकारी देने के लिए उसने सट्टेबाजों से डेढ़ लाख रुपए लिए थे। कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम के स्टाफ में शामिल रमेश कुमार के साथ उसकी मिलीभगत थी। नयन के बताए अनुसार ही रमेश पानी डालता था। इसके एवज में उसे 20 हजार रुपए मिलते थे। नयन के मोबाइल से मुंबई के स्टेडियम की पिच की तस्वीरें भी मिली हैं।
अपुष्ट सूत्रों से दावा किया जा रहा है कि बुकी को पिच पर एसिड छिड़कने और बाउंड्री रोप को दूर करने को कहा गया था ताकि चौके-छक्के रोककर मैच के नतीजों को प्रभावित किया जा सके।
आपको बता दें कि इससे पहले 2013 में हुए आइपीएल में स्पॉट फिक्सिंग का मामला सामने आया था। तब तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत, अजित चंडीला और अंकित चव्हाण पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे थे। सट्टेबाजों से संबंध के आरोपों में बिंदु दारासिंह और एस. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को भी गिरफ्तार किया गया था।