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आइपीएल खेलने वाले कई क्रिकेटर अब घरेलू क्रिकेट से कर रहे किनारा, कार्तिक त्यागी ने किया ऐसा

कार्तिक त्यागी ने यूपीसीए से कहा है कि मैं आइपीएल में दूसरे मैच के दौरान ही चोटिल हो गया था और इसी कारण पूरा आइपीएल नहीं खेल पाया। विजय हजारे ट्राफी के पिछले सत्र में मेरी एड़ी में कुछ समस्या आई थी।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 10:30 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 10:30 PM (IST)
आइपीएल खेलने वाले कई क्रिकेटर अब घरेलू क्रिकेट से कर रहे किनारा, कार्तिक त्यागी ने किया ऐसा
आइपीएल के एक मैच के दौरान कार्तिक त्यागी (फोटो- एएनआई)

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) में खेलने वाले कई क्रिकेटर खुद को चोटिल बताकर अपनी राज्य की टीम से घरेलू क्रिकेट खेलने से किनारा कर रहे हैं। ताजा मामला राजस्थान रायल्स से खेलने वाले उत्तर प्रदेश के क्रिकेटर कार्तिक त्यागी का है। इस साल राजस्थान रायल्स के लिए चार और पिछले सत्र में 10 आइपीएल मैच खेलने वाले कार्तिक ने उप्र के लिए सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्राफी में खेलने से इन्कार कर दिया है। चार नवंबर से सैयद मुश्ताक अली ट्राफी शुरू हो रही है और इसमें उप्र को गुरुग्राम में पहले मैच में छत्तीसगढ़ से भिड़ना है।

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कार्तिक ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) से कहा है कि उनकी एड़ी में चोट है। इस कारण वह उप्र की टीम से नहीं खेल पाएंगे। 2020 में भारत की अंडर-19 विश्व कप टीम का हिस्सा रहे कार्तिक को राजस्थान रायल्स ने 1.3 करोड़ रुपये में खरीदा था। यूपीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ खिलाड़ी हर बार यही करते हैं। वे राज्य की टीम से खेलना ही नहीं चाहते जबकि जूनियर क्रिकेट में राज्य की टीम से प्रदर्शन करने के कारण ही उन्हें अंडर-19 विश्व कप और आइपीएल में जाने को मिलता है लेकिन जैसे ही वे वहां जगह बना लेते हैं तो बदल जाते हैं।

अगर कार्तिक की बात करें तो 2015-16 और 2016-17 में उप्र की तरफ से अंडर-16 और 2017-15 में अंडर-19 टीम का प्रतिनिधित्व किया। 2016-17 में कार्तिक ने विजय मर्चेट ट्राफी के सात मैचों में 50 विकेट लिए थे। उन्हें अगले ही साल रणजी ट्राफी और विजय हजारे ट्राफी में खेलने का मौका मिला लेकिन 2017-18 में एक रणजी मैच खेलने के बाद से उन्होंने अब तक दूसरा रणजी मैच नहीं खेला है। यूपीसीए के प्रबंधन का कहना है कि अब आइपीएल क्रिकेटर राज्य के क्रिकेट और खासतौर पर रणजी क्रिकेट खेलने से मना कर रहे हैं क्योंकि उन्हें 20 ओवर के मैच में इतना पैसा मिलने लगा है तो वे चार दिन पसीना क्यों बहाएं? आप देखिए जिसने तीन साल पहले ही रणजी मुकाबला खेल लिया हो, वह अब तक सिर्फ एक ही मैच खेला हो। कार्तिक जैसा खिलाड़ी अब तक सिर्फ सात लिस्ट-ए मैच खेले ये अचंभे वाली बात है।

कार्तिक ने यूपीसीए से कहा है कि मैं आइपीएल में दूसरे मैच के दौरान ही चोटिल हो गया था और इसी कारण पूरा आइपीएल नहीं खेल पाया। विजय हजारे ट्राफी के पिछले सत्र में मेरी एड़ी में कुछ समस्या आई थी और पूरे आइपीएल के दौरान यह रही इसलिए मैं उप्र की तरफ से खेलने को फिट नहीं हूं। कार्तिक से जब दैनिक जागरण ने उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि मैं पहले ही यूपीसीए को बता चुका हूं कि चोट के कारण पूरा आइपीएल नहीं खेल सका। जब उनसे पूछा गया कि रिहैबलिटेशन की क्या योजना है तो उन्होंने कहा कि पता नहीं।

यूपीसीए के एक अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ इस बार का मामला नहीं है। जब भी कार्तिक को उप्र के लिए खेलना होता है तो उसको चोट लग जाती है। 45-50 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में आइपीएल खेलने, आस्ट्रेलिया में टीम इंडिया के नेट गेंदबाज के तौर पर 200 ओवर फेंकने के समय वह फिट रहते हैं। पिछले साल विजय हजारे में दो मैच खेलने के बाद चोट लग गई। अगला आइपीएल आने दीजिए वह फिट हो जाएंगे। बीसीसीआइ को यह तय करना चाहिए कि वही लोग आइपीएल खेलें जो कम से कम अपनी घरेलू टीम से कम से कम 30 फीसद मैच खेले हों।


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