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लेले ने भी जमकर लगाई बीसीसीआइ को लताड़

बीसीसीआइ की दो सदस्यीय जांच समिति को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा गैरकानूनी घोषित कर देने से पूर्व बीसीसीआइ सचिव जयवंत लेले भी बहुत खुश हैं, उनके मुताबिक यह अंदरूनी जांच समिति सिर्फ आंखों में धूल झोंकने के लिए थी।

By Edited By: Published: Tue, 30 Jul 2013 06:36 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2013 07:02 PM (IST)
लेले ने भी जमकर लगाई बीसीसीआइ को लताड़

नई दिल्ली। बीसीसीआइ की दो सदस्यीय जांच समिति को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा गैरकानूनी घोषित कर देने से पूर्व बीसीसीआइ सचिव जयवंत लेले भी बहुत खुश हैं, उनके मुताबिक यह अंदरूनी जांच समिति सिर्फ आंखों में धूल झोंकने के लिए थी।

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लेले ने कहा, 'बॉम्बे हाई कोर्ट ने सही फैसला लिया। मेरे हिसाब से भी यह सिर्फ आंखों में धूल झोंकने जैसा ही था। जिन जजों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी वह श्रीनिवासन के ही खास थे। यह कैसे मुमकिन है कि वर्किग कमिटी की बैठक वाले दिन ही सुबह रिपोर्ट सौंपी जाती है और शाम को फैसला सुनाकर दो लोगों को छोड़ दिया जाता है। यह और कुछ नहीं सिर्फ जालसाजी है। हमें कोर्ट की सुनवाई पूरी होने तक इंतजार करना होगा, नतीजा जल्द सामने होगा।'

लेले के मुताबिक जिस दिन मयप्पन ने आइपीएल में संट्टेबाजी की बात स्वीकारी थी उसी दिन इन फ्रेंचाइजी ने आइपीएल में खेलने का अधिकार खो दिया था। लेले ने कहा कि बोर्ड का संविधान साफ कहता है कि अगर फ्रेंचाइजी मालिक का कोई भी करीबी गलत हरकत करता पाया जाता है तो उसे टूर्नामेंट से जुड़े रहने का कोई हक नहीं है। जिस समय मयप्पन ने पुलिस के सामने संट्टेबाजी की बात स्वीकारी थी, नियमों के हिसाब से उसी समय श्रीनिवासन का कार्यकाल समाप्त हो गया था।

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