हर गेंद को ठोकने की आदत छोड़ें उन्मुक्त
अंडर-19 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद चैंपियंस लीग में केकेआर के खिलाफ टीम की ओर से सर्वाधिक 46 रन की अहम पारी खेलकर अपने सीनियर्स के चहेते बन गए हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स के उनके साथी स्टार खिलाड़ी केविन पीटरसन, महेला जयवर्धने और मोर्नी मोर्केल उनके साथ क्रिकेट मामलों पर काफी चर्चा कर रहे हैं।
नई दिल्ली। अंडर-19 विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद चैंपियंस लीग में केकेआर के खिलाफ टीम की ओर से सर्वाधिक 46 रन की अहम पारी खेलकर अपने सीनियर्स के चहेते बन गए हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स के उनके साथी स्टार खिलाड़ी केविन पीटरसन, महेला जयवर्धने और मोर्नी मोर्केल उनके साथ क्रिकेट मामलों पर काफी चर्चा कर रहे हैं।
ऑकलैंड के खिलाफ होने वाले अगले मैच की तैयारी कर रहे उन्मुक्त ने डरबन से कहा कि जब केविन पीटरसन जैसा खिलाड़ी आपके साथ समय बिताता है तो आपका मनोबल बढ़ जाता है। प्रिटोरिया में मैंने उनके साथ लंबी बातचीत की जहां उन्होंने तकनीक पर मुझे जरूरी टिप्स दिए। मैं प्रत्येक गेंद को मैदान से बाहर मारने की कोशिश कर रहा था और केपी ने मुझे ऐसा नहीं करने को कहा। उन्होंने मुझे समझाया कि भारतीय पिचों पर पहली गेंद से ही तेजी से रन बनाए जा सकते हैं, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में ऐसा संभव नहीं है। उन्मुक्त ने कहा कि उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करता हूं, इसलिए शुरुआत में मुझे सतर्क रहना चाहिए और इसके बाद आक्रामक रवैया अपनाना चाहिए।
पीटरसन ने जहां उन्मुक्त को बल्लेबाजी के गुर सिखाए, वहीं उनके कप्तान जयवर्धने ने कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मैच के बाद उनकी तारीफ की जिसे वह लंबे समय तक याद रखेंगे। उन्मुक्त ने कहा कि महेला ने मुझसे कहा कि मैंने जिन हालात में बल्लेबाजी की उसमें यह उनके द्वारा देखी गई सर्वश्रेष्ठ टी-20 पारियों में से एक थी। उन जैसे खिलाड़ी से इस तरह की बात सुनना गौरवपूर्ण लम्हा है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि मोर्नी ने तो मुझे लिजेंड (महान) खिलाड़ी कहना शुरू कर दिया है और जब भी उन्हें मौका मिलता है मेरी पीठ थपथपाते हैं।
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