क्रिकेटर वरुण को इलाज का पैसा नहीं मिलने से कीर्ति दुखी
दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआइ के टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले दिल्ली के बायें हाथ के स्पिनर वरुण सूद को अपनी चोट के इलाज में हुए खर्च को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से वापस लेने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआइ के टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले दिल्ली के बायें हाथ के स्पिनर वरुण सूद को अपनी चोट के इलाज में हुए खर्च को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से वापस लेने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने डीडीसीए उपाध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान को पत्र लिखकर दुख जताया है।
कीर्ति ने लिखा है कि पिछले साल कंधे की सर्जरी कराने वाले वरुण के बारे में पढ़कर दुख हुआ। डीडीसीए के अधिकारियों ने उसे इलाज में खर्च हुए रुपये वापस करने का वादा किया था। वह अभी भी इसे पाने के लिए अधिकारियों के दरवाजे खटखटा रहा है, लेकिन वे कान बंद करके बैठे हैं। दो साल पहले आशीष नेहरा और मिथुन मन्हास को लंदन में इलाज कराने के बाद भी ऐसे ही डीडीसीए के चक्कर लगाने पड़े थे। मुझे याद है कि संयुक्त सचिव (खेल) अनिल जैन को सभी वर्तमान और पूर्व खिलाडिय़ों के अलावा प्रशिक्षकों व सहयोगी स्टाफ के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी कराने का जिम्मा दिया गया था। कई बार मैंने और बिशन सिंह बेदी ने डीडीसीए प्रबंधन को इस बारे में लिखा है, लेकिन हर बार उसे नकार दिया गया। ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर फिलिप हृयूज के साथ हुए हादसे के बाद मैंने कहा था कि मैच के समय क्रिकेट मैदान के पास एंबुलेंस और फस्र्ट एड की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, लेकिन इस पर भी कुछ नहीं हुआ। दुर्भाग्यवश डीडीसीए का प्रबंधन ढह गया है।
मालूम हो कि वरुण ने कंधे की चोट का इलाज कराया था। इलाज के बाद उसने डेढ़ लाख रुपये का बिल डीडीसीए में लगाया, लेकिन अब तक उन्हें यह रकम वापस नहीं हुई है। डीडीसीए स्पोट्र्स कमेटी के को-कन्वेनर नरेश शर्मा पहले ही कह चुके हैं कि रणजी क्रिकेटरों के इलाज की जिम्मेदारी बीसीसीआइ और संबंधित राज्य क्रिकेट संघ की है। यही नहीं चेतन चौहान भी मानते हैं कि वरुण के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए, लेकिन धन की कमी के कारण वह खुद को मजबूर बताते हैं।