जानिए, मियांदाद का वो छक्का आज भी किस कारण हर भारतीय को चुभता है
1975 में आज ही के दिन जावेद मियांदाद ने अपना पहला वनडे मैच खेला था। तब उनकी उम्र 17 साल 364 दिन थी।
नई दिल्ली। साल 1975 में जावेद मियांदाद ने अपना पहला वनडे मैच खेला था। तब उनकी उम्र महज 17 साल थी।दरासल, साल1986 में शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में पाकिस्तानी बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा के ओवर की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर पाकिस्तान को ना केवल शानदार जीत दिलाई बल्कि पाकिस्तान को एशिया कप का खिताब भी दिलाया। क्रिकेट इतिहास का वह पल आज भी हर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को चुभता है।
इतना ही नहीं इस छक्के ने इस मैच को क्रिकेट इतिहास के सबसे सनसनीखेज और यादगार मुकाबलों में से एक में तब्दील कर दिया।उस मैच में आखिरी गेंद पर पाकिस्तान को चार रनों की जरूरत थी।पाक टीम की आखिरी जोड़ी क्रीज पर मौजूद थी लेकिन जावेद मियांदाद 110 रन बनाकर खेल रहे थे।फिर क्या था मियांदाद ने चेतन शर्मा की आखिरी बॉल पर छक्का जड़ दिया।
मियांदाद को क्रिकेट जगत में अपने उसी कारनामे के कारण जाना जाता है। वे खुद भी इसे अपने करियर का अहम पल मानते हैं। वे कह चुके हैं, आखिरी गेंद पर लगाए गए मेरे उस छक्के ने वनडे क्रिकेट का रुख बदल दिया। पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ने अपने करियर में 233 वनडे खेले हैं। उन्होंने 41.70 के औसत से 7381 रन बनाए हैं।