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जय शाह की टीम ने मोटेरा में सौरव गांगुली की टीम को हराया, BCCI की एजीएम गुरुवार को

बीसीसीआइ की एजीएम से ठीक एक दिन पहले यानी बुधवार को मोटेरा स्टेडियम में पहली बार कोई क्रिकेट मैच खेला गया। इस मैच में जय शाह व सौरव गांगुली की टीम आमने-सामने थी जिसमें बीसीसीआइ के अध्यक्ष गांगुली की टीम को हार मिली।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 06:23 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 06:23 PM (IST)
जय शाह की टीम ने मोटेरा में सौरव गांगुली की टीम को हराया, BCCI की एजीएम गुरुवार को
मोटेरा में खेले गए मैच के दौरान जय शाह व सौरव गांगुली (फोटो- दैनिक जागरण)

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। अहमदाबाद के सरदार पटेल स्टेडियम (मोटेरा) में बुधवार को बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरव गांगुली व सचिन जय शाह की टीम को बीच एक क्रिकेट मैच खेला गया। इस मुकाबले में सौरव गांगुली की टीम को जय शाह की कप्तानी वाली टीम ने हरा दिया। ये मैच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) की वार्षिक आमसभा से ठीक एक दिन पहले खेला गया। मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम पर खेला गया ये पहला क्रिेकेट मैच था। पूर्व भारतीय कप्तान मो. अजहरुद्दीन जय शाह की टीम की तरफ से खेले। 

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मोटेरा स्टेडियम पर खेले गए इस मैच में दोनों टीमों में बीसीसीआइ के इलेक्ट्रोल बोर्ड के सदस्य शामिल हुए जो एजीएम में हिस्सा लेने के लिए यहां पहुंचे हैं। वहीं दूसरी तरफ इस मुकाबले में बीसीसीआइ के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने मैच रेफरी की भूमिका निभाई। 

 

मैच के एक दिन बाद यानी गुरुवार को एजीएम आयोजित होगी। आगामी घरेलू सत्र में रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी समेत अन्य वर्गो के टूर्नामेंट आयोजित करना ही इस एजीएम का मुख्य एजेंडा होगा। इसी के साथ इंग्लैंड टीम के भारत दौरे की तैयारियों को अमलीजामा पहनाने के लिए एजीएम में चर्चा की जाएगी। मोटेरा में पहुंचने के बाद सभी सदस्यों को कोरोना टेस्ट से भी गुजरना होगा।

इस एजीएम में उत्तराखंड क्रिकेट संघ के माहिम वर्मा, असम क्रिकेट संघ के देवाजीत सेकिया, बडौदा क्रिकेट संघ के प्रणव अमीन, हैदराबाद क्रिकेट संघ मुहम्मद अजहरुद्दीन समेत कुल 28 सदस्य इस बैठक में भाग लेंगे। एजीएम में 10 टीमों के साथ आइपीएल आयोजित करने पर भी एजीएम में सहमति बन सकती है, लेकिन यह 2021 नहीं, बल्कि 2022 सत्र से ही हो पाएगा।

ऐसा इसीलिए है क्योंकि अगले सत्र से पहले नई टीमों को टीम पूरी करने के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाएगा। वहीं अगले सत्र से पहले की नीलामी में भी अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। यही नहीं, 10 टीम के आइपीएल का मतलब 94 मुकाबले हैं, जो करीब ढाई महीने में आयोजित हो पाएंगे। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर पर भी इसका फर्क पड़ सकता है।


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