ओपनर था कभी ये भारतीय खिलाड़ी, फिर ऐसे बना दुनिया का नंबर एक गेंदबाज़
फुटबॉल था इस भारतीय खिलाड़ी का पहला प्यार लेकिन क्रिकेट में आकर कर दिया कमाल।
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। यूं तो क्रिकेट की दुनिया में रोज़ ही किसी ना किसी खिलाड़ी का जन्मदिन होता है, लेकिन आज एक ऐसे भारतीय खिलाड़ी का जन्मदिन है जो घरेलू क्रिकेट में ओपनिंग करता था, लेकिन उसके साथ कुछ ऐसा हो गया कि वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया का नंबर एक गेंदबाज़ बन गया। उस खिलाड़ी का नाम है रविचंद्रन अश्विन। अश्विन आज अपना 31वां जन्मदिन मना रहे है।
क्रिकेट नहीं था अश्विन का पहला प्यार
अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 को तमिलनाडु के मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ था। लेकिन आपको जानकरहैरानी होगी कि इस फिरकी गेंदबाज़ का पहला प्यार क्रिकेट नहीं बल्कि फुटबॉल था। अश्विन की अच्छी कद काठी होने के कारण ऐसा माना जाता था कि वो फुटबॉल में वह बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन इसे संयोग ही कहेंगे कि अश्विन फुटबॉल को छोड़कर क्रिकेट खेलने लगे और बल्लेबाज़ों को अपनी फिरकी के जाल में फंसाने लगे।
इंजीनियर हैं आर. अश्विन
एक क्रिकेटर के साथ-साथ आर.अश्विन एक इंजीनियर भी हैं और उन्होंने अपनी पढ़ाई को लेकर कभी भी कोई समझौता नहीं किया। ऐसा बताया जाता है कि अश्विन की मां चित्रा उनकी पढ़ाई को लेकर बहुत सख्त थीं। माता-पिता दोनों ने अश्विन को क्रिकेट खेलने से नहीं रोका, पर पढ़ाई को लेकर उनका रुख साफ था कि उसे नजरअंदाज नहीं करना है। एक इंटरव्यू में अश्विन की मां ने कहा भी था- पढ़ाई को लेकर हमने कभी समझौता नहीं किया और अश्विन ने भी परिपक्वता दिखाई और इस फैसले को स्वीकार किया।
ओपनर थे आर. अश्विन
अश्विन गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी कमाल दिखा कर कई बार टीम इंडिया की जीत में अहम योगदान निभा चुके हैं। वह लोअर ऑर्डर में शानदार बल्लेबाजी करते हैं। इसके पीछे भी एक वजह है। क्रिकेट के शुरुआती दौर में अश्विन ओपनिंग करने के लिए मैदान पर उतरते थे। शुरुआत में ही नई गेंद का सामना करने से उनकी तकनीक काफी अच्छी हो गई। जिसका फायदा अब टीम इंडिया को मिलता है। तभी तो वो लोएर मिडिल ऑर्डर में पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ कई अहम साझेदारियां कर चुके हैं।
इस वजह से गेंदबाज़ बनें अश्विन
14 साल की उम्र के बाद अश्विन ने बल्लेबाजी की ओर ध्यान देना कम कर दिया इसकी वजह था एक चोट। एक दिन बल्लेबाज़ी के दौरान उनके पेल्विक एरिया में चोट लगी थी। इसी वजह से वह दो महीने तक बिस्तर पर रहे। इस चोट ने इनके दिमाग पर इतना गहरा असर डाला कि उन्होंने बल्लेबाज़ी छोड़कर गेंदबाज़ी पर ध्यान देना शुरू कर दिया।
सबसे आगे हैं अश्विन
टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेजी से 50,100, 150, 200 और 250 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों की लिस्ट में अश्विन सबसे आगे हैं। उन्होंने अपना 50वां टेस्ट विकेट 9वें टेस्ट मे लिया। अश्विन 100 टेस्ट विकेट 18वें टेस्ट में उनके नाम हुआ और 150वां टेस्ट विकेट 29वें टेस्ट मैच में लिया।
असरदार ऑलराउंडर भी है ये खिलाड़ी
अश्विन ने अपने 11वें टेस्ट मैच में 500 रन पूरे कर लिए थे। 11 टेस्ट मैच में 500 रन और 50 विकेट लेने वाले वो भारत के पहले क्रिकेटर बने। ऑस्ट्रेलिया के जैक ग्रेगरी और इंग्लैंड के इयान बॉथन ने भी 11 टेस्ट मैचों में ही यह कारनामा किया था।
डेब्यू टेस्ट में ही किया कमाल
डेब्यू टेस्ट में मैन ऑफ द मैच बनने के मामले में आर अश्विन चौथे भारतीय क्रिकेटर थे। उनसे पहले नरेंद्र हिरवानी, प्रवीण आमरे और आर.पी. सिंह ऐसा कर चुके थे। अश्विन के बाद रोहित शर्मा और शिखर धवन का नाम ही इस लिस्ट में शुमार है।
ऐसा है अश्विन का रिकॉर्ड
अपनी फिरकी के जाल में फंसाकर अश्विन ने दुनियाभर के बल्लेबाजों को छकाया है। अश्विन ने 52 टेस्ट मैचों में 292 विकेट अपने नाम किए हैं। टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में पांच विकेट का कारनामा वह 26 बार कर चुके हैं वहीं मैच में 10 विकेट लेने का कमाल उन्होंने 07 बार किया है। वनडे की बात करें तो अश्विन ने 111 वनडे मैचों में 150 शिकार किए हैं।
आइसीसी रैंकिंग में कायम है अश्विन का जलवा
आइसीसी रैंकिंग में टॉप टेन में सबसे कम समय में शुमार होने का रिकॉर्ड भी अश्विन के ही नाम है। अश्विन टेस्ट गेंदबाजों की रैंकिंग में तीसरे नंबर पर है। इस लिस्ट में जेम्स एंडरसन पहले और रवींद्र जडेजा दूसरे नंबर पर है।
ऐसा भी कर चुका है ये ऑलराउंडर
अश्विन टेस्ट क्रिकेट में एक ही मैच में सेंचुरी और पांच विकेट लेने का कमाल एक बार नही बल्कि दो-दो बार कर चुके हैं और यह ऐसा करने वाले वो भारत के इकलौते क्रिकेटर भी हैं। उन्होंने यह कमाल दोनों बार वेस्टइंडीज के खिलाफ किया है।