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क्या इस भारतीय क्रिकेटर के साथ हो रही है नाइंसाफी, ये है कड़वी हकीकत

बड़ा सवाल यही उठता है कि कप्तान कोहली क्यों जिद पर अड़े हुए हैं? आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला।

By Shivam AwasthiEdited By: Published: Wed, 21 Jun 2017 08:04 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 05:26 PM (IST)
क्या इस भारतीय क्रिकेटर के साथ हो रही है नाइंसाफी, ये है कड़वी हकीकत
क्या इस भारतीय क्रिकेटर के साथ हो रही है नाइंसाफी, ये है कड़वी हकीकत

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारतीय क्रिकेट टीम में पहले भी कई बार खिलाड़ियों के साथ नाइंसाफी की खबरें आती रही हैं लेकिन ताजा मामला काफी गंभीर है। दरअसल, यहां हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं, वो कहीं न कहीं विराट और पूर्व कोच कुंबले के झगड़े का कारण बना और साथ ही अब राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज भी कुछ गंभीर सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यही उठता है कि कप्तान कोहली क्यों जिद पर अड़े हुए हैं? आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला।

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- झगड़े की शुरुआत और नतीजा

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और पूर्व कोच अनिल कुंबले के बीच जिस मनमुटाव व मतभेद का खुलासा हुआ है उसकी तथाकथित शुरुआत इस साल फरवरी में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर हुई थी। चार टेस्ट मैचों की उस सीरीज में पहला टेस्ट ऑस्ट्रेलिया ने जीता जबकि दूसरे टेस्ट में भारत विजयी रहा। तीसरे टेस्ट से पहले कोच कुंबले बाएं हाथ के स्पिनर (चाइनामेन) कुलदीप यादव को खिलाना चाहते थे लेकिन विराट को ये नामंजूर था। विराट बिना कुलदीप के उतरे और ये टेस्ट ड्रॉ रहा। इसके बाद चौथे व अंतिम टेस्ट में कुंबले भी कुलदीप को लेकर अड़े रहे और अंत में विराट को कुलदीप को खिलाना ही पड़ा। ये कुलदीप के करियर का पहला मुकाबला था उसके बावजूद इस 22 वर्षीय गेंदबाज ने जबरदस्त प्रदर्शन किया और पहली पारी में सर्वाधिक चार विकेट लिए। भारत ने ये टेस्ट जीता और साथ ही सीरीज भी। कुंबले की रणनीति यहां सटीक बैठी।

- फिर आया वो मौका, फिर हुई चूक

इसके बाद आया वो मौका जब चयन समिति ने आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का एलान किया। टीम में मुख्य स्पिनर्स के रूप में रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा को शामिल किया गया जबकि चर्चा के बावजूद कुलदीप यादव को रिजर्व में रख दिया गया। कोहली का भी इस चयन में अहम योगदान था और वो चाहते थे कि इंग्लैंड सिर्फ अनुभवी खिलाड़ी जाएं..लेकिन सवाल ये है कि क्या ये फैसला सही था? कुंबले के साथ खेल चुके पूर्व भारतीय दिग्गज राहुल द्रविड़ ने भी इसे बड़ी चूक बताया है। द्रविड़ ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि बेशक रविचंद्रन अश्विन और जडेजा बेहतरीन स्पिनर हैं लेकिन इंग्लैंड की सपाट पिचों पर दोनों को टॉप-11 में खिलाना गलत फैसला था। अश्विन और जडेजा दोनों ही अंगुली की मदद से स्पिन कराने वाले गेंदबाजों में हैं लेकिन ऐसी पिचों पर अगर आपको बीच के ओवरों में विकेट चाहिए तो कलाई की मदद से गेंद घुमाने वाले व रहस्मयी स्पिनर ही सही होंगे। पूरे टूर्नामेंट में कोई ऐसी टीम नहीं थी जिसने अपने टॉप-11 में अंगुली से गेंद को स्पिनर कराने वाले दो-दो गेंदबाज रखे हों। जाहिर है कि द्रविड़ का इशारा कुंबले की पसंद कुलदीप यादव की तरफ है क्योंकि वही एक रहस्मयी (चाइनामेन) गेंदबाज मौजूद हैं..लेकिन कप्तान विराट के आगे यहां भी किसी की नहीं चली।

- कुंबले को जिसका डर था वही हुआ, ये हैं आंकड़े

रविचंद्रन अश्विन की बात करें तो उनको इंग्लैंड ले जाना एक बेहद गलत फैसला साबित हुआ। शायद इसी का कुंबले को डर था। अश्विन को विराट ले तो गए लेकिन पहले दोनों मैचों से वो बाहर ही रहे। जब श्रीलंका के खिलाफ हारे तो उनको टीम में शामिल कर लिया। नतीजा ये रहा कि उन्होंने तीन मैच खेले, पहले में कुल एक विकेट लेकर 43 रन लुटाए, दूसरे में बिना कोई विकेट लिए 54 रन लुटाए जबकि अंतिम व अहम फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ बिना कोई विकेट लिए सबसे ज्यादा 70 रन लुटा डाले। दूसरी तरफ रहे जडेजा जिन्होंने टूर्नामेंट के पांचों मैच खेले और कुल चार विकेट लिए। इस दौरान एक मैच में 39 रन लुटाए, दो मैचों में 40 से ज्यादा रन गंवाए, एक मुकाबले में 52 रन लुटाए जबकि फाइनल में तो बिना कोई विकेट लिए 67 रन लुटा डाले। विराट इंग्लैंड में अनुभव का सहारा चाहते थे लेकिन असल में अनुभवी दिग्गजों ने ही टीम को सबसे गहरी चोट दे दी।

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- अब वेस्टइंडीज जाएंगे

राहुल द्रविड़ के साथ-साथ कई अन्य दिग्गजों का भी मानना है कि हमको कलाई से गेंद फेंकने वाले व रहस्मयी स्पिनरों को मौका देने की जरूरत है। अच्छे प्रदर्शन के बाद भी अगर उनको मौका नहीं दिया गया तो मनोबल टूटता है। कुलदीप के साथ भी कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है। अब रोहित और बुमराह को आराम देते हुए चयन समिति ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम में कुलदीप यादव और रिषभ पंत को मौका दिया है लेकिन वेस्टइंडीज क्रिकेट के हालात देखें तो आजकल उनके देश का दौरा सिर्फ खानापूर्ति सा लगता है। अगर कुलदीप वेस्टइंडीज की युवा व कमजोर टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर भी लेते हैं तो उनकी टीम में जगह पक्की होने की उम्मीद कम ही रहेगी। देखना दिलचस्प होगा कि कैरेबियाई दौरे पर कुलदीप को लेकर कप्तान विराट की रणनीति क्या रहती है। 

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