रणनीति या राजनीति: हैरान करने वाला सच, आखिर टीम में ये हो क्या रहा है?
टीम इंडिया में किस प्रकार से चयन हो रहा है और इन दिनों किस हिसाब से रणनीति बनाई जा रही है ये समझ से परे हैं। ऊपर से जब नियमित कप्तान धौनी और कोच फ्लेचर ये कहते हैं कि हम विश्व कप 2015 के लिए टीम खड़ी कर रहे हैं तो ये और बड़ा मजाक नजर आता है, क्योंकि टीम में प्रयोग तो किए जाते हैं लेकिन या तो वो प्रयोग
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। टीम इंडिया में किस प्रकार से चयन हो रहा है और इन दिनों टीम में विश्व कप 2015 की रणनीति बनाई जा रही है या टीम के अंदर राजनीति चल रही है, ये समझ से परे है। ऊपर से जब नियमित कप्तान धौनी और कोच फ्लेचर ये कहते हैं कि हम विश्व कप 2015 के लिए टीम खड़ी कर रहे हैं तो ये और बड़ा मजाक नजर आता है, क्योंकि टीम में प्रयोग तो किए जाते हैं लेकिन या तो वो प्रयोग प्रभावहीन होते हैं या फिर उसको लेकर मतभेद, रणनीति की कमी, राजनीति और प्रतिभा को ढेर करने जैसी चर्चाएं ही विषय बन जाती हैं..और अंत में मिलती है सिर्फ और सिर्फ असफलता। ऐसा ही कुछ पिछले दो महीनों में देखने को मिला है, जब टीम के एक युवा खिलाड़ी की प्रतिभा को बढ़ावा देने के बजाय उसका मनोबल तोड़ने का काम किया जा रहा है। कौन है ये खिलाड़ी, आइए जानते हैं..
हम बात कर रहे हैं रीवा (मध्य प्रदेश) के युवा तेज गेंदबाज इश्वर पांडे की। न्यूजीलैंड दौरे के लिए जब भारतीय टीम का चयन हुआ तो उसमें इश्वर को टीम में जगह दी गई, घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन को देखते हुए कई उम्मीद जग उठीं कि शायद अब भारत को एक अच्छा गेंदबाज मिल जाएगा, लेकिन पूरे न्यूजीलैंड दौरे पर वो बेंच पर ही बैठे रह गए, ना टेस्ट मैचों में खिलाए गए और ना ही वनडे सीरीज में, इसके बाद एशिया कप टीम में भी उनका चयन किया गया, शुरुआती तीन मैचों को गंभीरता से लेते हुए टॉप 11 खिलाड़ियों में उनको नहीं चुना गया, खैर, इसकी सफाई तो कोहली दे सकते थे कि वो अहम मौके पर प्रयोग करने के मूड में नहीं थे लेकिन आज क्या हुआ?
आज भारतीय टीम अफगानिस्तान के खिलाफ एक ऐसे मुकाबले में उतरी जो सिर्फ औपचारिकता भर ही है। टीम इस मैच से पहले ही फाइनल से बाहर हो चुकी है, ऐसे में जब पूरे टूर्नामेंट में टीम की लचर गेंदबाजी चर्चा का विषय रही हो तब इश्वर पांडे को एक मौका भी ना देना कहां की सूझबूझ है? न्यूजीलैंड दौरे पर अभ्यास मैच में भी इसी गेंदबाज ने सबको प्रभावित करते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया था। उस मैच में इश्वर ने 14 ओवर में 5 मेडन फेंकते हुए 42 रन दिए थे और सबसे ज्यादा तीन विकेट लिए थे। न्यूजीलैंड में भी जब भारतीय गेंदबाजों की कीवी बल्लेबाजों द्वारा लगातार वनडे और टेस्ट में क्लास लगाई जा रही थी, तब भी धौनी को दोनों सीरीज में इश्वर का ध्यान नहीं आया, इसके बाद अब एशिया कप में उम्मीद थी कि कम से कम कोहली इस गेंदबाज को मौका देंगे, लेकिन एक बार फिर वो सिर्फ बेंच पर ही बैठे रह गए।
मोहम्मद शमी को छोड़कर कोई भी तेज भारतीय गेंदबाज विरोधी बल्लेबाजों पर प्रभाव डालता नहीं दिखा है। एशिया कप में भुवनेश्वर कुमार मौजूदा मैच से पहले तीन मैचों में मात्र 3 ही विकेट झटक पाए थे जिस दौरान उन्होंने रन भी खूब लुटाए, और आज वो अफगानिस्तान के खिलाफ भी विकेट नहीं ले पाए इसके अलावा वरुण एरोन तो एक मैच में 7.5 ओवर में एक विकेट लेकर 74 रन लुटा गए, इसके अलावा एशिया कप के दौरान बेंच पर बैठे स्टुअर्ट बिन्नी को भी मौका दिया गया और अमित मिश्रा को भी लेकिन इश्वर पांडे को जैसे पूछने वाला ही कोई नहीं था। उनका नाम टी20 विश्व कप टीम में भी नहीं है, ऐसे में अब भी उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज होना बाकी है। सवाल यही है कि अगर उन्हें मैदान पर उतरने का मौका ही नहीं मिलेगा तो भला वो खुद को साबित कैसे करेंगे?
इश्वर पांडे का घरेलू क्रिकेट करियर:
प्रथम श्रेणी मैच- 31
विकेट- 131
बेस्ट- 84 रन देकर 8 विकेट (एक पारी में)