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IPL की टाइटल स्पॉन्सर कंपनी का दावा, कहा- हम पूरी तरह देसी हैं

IPL Title Sponsor कंपनी ड्रीम11 ने कहा है कि हम पूरी तरह से देसी हैं। एक निवेशक चीनी मूल का जरूर है लेकिन उसका निवेश बहुत कम है।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 03:08 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 03:08 PM (IST)
IPL की टाइटल स्पॉन्सर कंपनी का दावा, कहा- हम पूरी तरह देसी हैं
IPL की टाइटल स्पॉन्सर कंपनी का दावा, कहा- हम पूरी तरह देसी हैं

नई दिल्ली, आइएएनएस। हाल ही में जब भारतीय कंपनी Dream11 ने इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल की तो कंपनी की आलोचना हुई। ड्रीम इलेवन कंपनी को आलोचना का शिकार इसलिए होना पड़ा, क्योंकि व्यापार संगठनों ने कहा था कि इस कंपनी में चीनी कंपनियों का पैसा लगा है। अब खुद ड्रीम11 ने कहा है कि हम एकदम देसी हैं। चीनी मोबाइल कंपनी से इस साल के आइपीएल के मुख्य प्रायोजक के आधिकार छीनने के बाद बोली के तहत ड्रीम11 को टाइटल स्पॉन्सर बनाया गया है।

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कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है, "ड्रीम 11 पूरी तरह से घरेलू ब्रांड है। हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि ड्रीम 11 का पूरा उत्पाद और तकनीक भारत के भीतर, भारतीयों द्वारा विकसित की गई है और केवल भारतीय खेल प्रेमियों के लिए ही उपलब्ध है।" प्रवक्ता ने आगे कहा कि इसके अधिकांश निवेशक चीनी मूल के निवेशकों के साथ अल्पसंख्यक हिस्सेदारी रखने वाले भारतीय हैं। प्रवक्ता ने ये भी कहा है कि हम पहले ऐसे IPL के मुख्य प्रायोजक हैं, जो खेल से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा है, "ड्रीम 11 लगभग पूरी तरह से भारतीयों के स्वामित्व में है, जिसमें इसके संस्थापक, सभी 400+ भारतीय कर्मचारी और हमारे भारतीय निवेशक जैसे कलारी कैपिटल और मल्टीपल्स इक्विटी हैं। पांच निवेशकों में से एक निवेशक चीनी मूल का है, लेकिन उसकी अल्पसंख्यक हिस्सेदारी है।" इस साल की शुरुआत में भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव के बाद सरकार ने 59 चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।

वहीं, जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुए खूनी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के साथ चीनी उत्पादों के बहिष्कार की आवाज भी तेज हो गई थी। इसका असर बीसीसीआइ पर भी पड़ा था, क्योंकि आइपीएल के ऐलान के बाद बायकॉट आइपीएल ट्रेंड करने लगा था। ऐसे में बीसीसीआइ ने वीवो के साथ मिलकर 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की डील को इस साल के लिए स्थगित करना पड़ा था।


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