आइपीएल में खेलकर क्रिकेट भूल गई टीम इंडिया!
पहले विदेश में फिर घर में लगातार दो सीरीज में हार के बाद भारतीय क्रिकेट में भूचाल आ गया है। कई क्रिकेट एक्सपर्ट और पूर्व खिलाड़ी इस पर अपनी राय पहले ही जाहिर कर चुके हैं। लेकिन अब भारत और पाकिस्तान के तीन पूर्व कप्तानों ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और कप्तान धौनी पर सीधा निशाना साधा है।
नई दिल्ली। पहले विदेश में फिर घर में लगातार दो सीरीज में हार के बाद भारतीय क्रिकेट में भूचाल आ गया है। कई क्रिकेट एक्सपर्ट और पूर्व खिलाड़ी इस पर अपनी राय पहले ही जाहिर कर चुके हैं। लेकिन अब भारत और पाकिस्तान के तीन पूर्व कप्तानों ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और कप्तान धौनी पर सीधा निशाना साधा है। एक समाचार चैनल पर बातचीत के दौरान भारत के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम व रमीज राजा ने टीम इंडिया की मौजूदा हालत के लिए चयनकर्ताओं और बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है। बेदी ने कहा कि दिल्ली वनडे में भारत को जीत जरूर मिल गई, लेकिन इस जीत से खुश होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जिस तरह पहले टेस्ट सीरीज में हम इंग्लैंड और फिर वनडे सीरीज में पाकिस्तान से पिटे वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। लगातार एक के बाद एक सीरीज में हार से दुखी बेदी ने बेहद तल्ख अंदाज में कहा कि इस हार से ज्यादा और शर्मनाक क्या होगा। जिस धरती पर विदेशी टीम के लिए जीत एक सपना होता था वहां न केवल वे आसानी से जीत रहे हैं, बल्कि टीम इंडिया को बेइज्जती के साथ हरा रहे हैं। बेदी ने कहा कि टीम इंडिया की बर्बादी की सबसे बड़ी वजह आइपीएल है। इसने खिलाडि़यों की मानसिकता को बांध दिया है, आज बल्लेबाज और गेंदबाज चार-चार ओवर से ज्यादा खेलना ही नहीं चाहते। भारत की लगातार हार से हैरान पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने कहा कि मैं टीम इंडिया को काफी करीब से देख रहा हूं, चाहे विदेशी दौरा हो या अपनी सरजमीं उनके लिए जीतना नामुमकिन जैसा बनता जा रह है। मेरा मानना है कि द्रविड़, लक्ष्मण और सचिन के संन्यास के बाद टीम के पास ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं, जो उनकी भारपाई कर सकें। अगर जल्द बेंच स्ट्रेंथ तैयार नहीं की गई तो टीम इंडिया के लिए अगला दो-तीन साल बेहद मुश्किल होने वाला है। वहीं, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान रमीज राजा के मुताबिक भारतीय खिलाडि़यों के आत्मविश्वास में काफी कमी आई है। ऐसा लगता है कि वे बेहद जल्द ही हार मान जाते हैं। टीम एक सोच में बंध सी गई है जो भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खतरनाक है। टीम इंडिया की बल्लेबाजी पर बेदी ने कहा कि इन बल्लेबाजों को देखकर आप कतई नहीं कह सकते कि ये जीतने के लिए खेल रहे हैं। आप सलामी जोड़ी से ऐसे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं कर सकते और न ही मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों से। जब आप बड़े फॉर्मेट में रन बनाएंगे तो फिर टी-20 और वनडे में भी रन बनने लगेंगे, लेकिन लगता है जैसे भारतीय बल्लेबाज तो रन बनाना ही भूल गए हैं। वहीं, वसीम अकरम ने कहा कि वनडे में लागू हुए नए नियम से कप्तान धोनी से लेकर हर एक बल्लेबाज परेशान है। उनको लगता है कि अगर एक बाउंसर से बच भी गए तो दूसरा बाउंसर से निपटना मुश्किल होगा। यही नहीं जिस तकनीक के लिए भारत मशहूर हुआ है, वो युवाओं में नजर ही नहीं आता। ऐसा लगता है कि बल्लेबाज किसी जल्दी में रहते हैं। कप्तान धौनी से खफा रमीज ने कहा कि उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता है जैसे वह अपने लिए खेल रहे हों। उन्होंने कहा कि टीम में कुछ बदलाव से पहले धौनी को अपनी सोच बदली होगी। टीम इंडिया के फिटनेस पर सवाल उठाते हुए बेदी ने कहा कि जिस टीम के नौ खिलाड़ी अनफिट हों उनसे आप मैदान पर डाइव लगाने की उम्मीद नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी खिलाडि़यों के लिए अस्पताल जैसा बन गया है। यहां हर रोज एक नया खिलाड़ी चोटिल होकर पहुंच रहा है। वहीं, अकरम ने कहा कि भारतीय खिलाड़ी मैदान पर दौड़ना नहीं चाहते हैं, वो प्रैक्टिस के दौरान दौड़ने से ज्यादा जिम में वक्त बिताना पसंद करते हैं जिसकी वजह से उनके शरीर का लचीलापन खत्म होता जा रहा है। टीम सेलेक्शन पर सवाल उठाते हुए बेदी ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ किस तरह से चुनी गई है, वह मेरे समझ से परे है। बड़े नामों की वजह से कई प्रतिभावान युवा खिलाडि़यों को मौका नहीं मिल रहा है। सलेक्टर्स चार कदम आगे की बजाय दो कदम पीछे की सोचते हैं जिसका खामियाजा मैदान पर भुगतना पड़ता है। उधर, रमीज ने भी सेलेक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में सेलेक्शन खिलाडि़यों की काबिलियत की बजाय रिकॉर्ड देखकर किया जाता है। सपोर्ट स्टाफ को लेकर पूछे गए सवाल पर बेदी ने भड़कते हुए कहा डंकन फ्लेचर कौन है? मैंने आज तक किसी कोच को चुपचाप केवल मैच देखते नहीं देखा है। बेदी ने कहा कि टीम के मुख्य कोच, गेंदबाजी कोच और फील्डिंग कोच है, लेकिन फिर भी खिलाडि़यों का प्रदर्शन क्यों गिर रहा है। फ्लेचर को लेकर अकरम ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता है कि आखिर बीसीसीआई ने उन्हें कोच जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कैसे सौंप दी। डंकन का ना तो रिकॉर्ड अच्छा है और न ही उनमें वो काबिलियत है। उन्होंने कहा कि गेंदबाजी कोच की भूमिका निभा रहे डावेस अब तक भारतीय परिस्थितियों और खिलाडि़यों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए हैं। अकरम ने कहा कि ऐसे सपोर्ट स्टाफ के साथ टीम की जीत की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
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