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IPL 2022: अगर मैनचेस्टर युनाइटेड को मिली टीम तो उसका चेहरा बन सकते हैं दीपिका-रणवीर

आइपीएल की दो नई टीमों की नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रत्येक फ्रेंचाइजी से 7000 करोड़ रुपये से 10000 करोड़ रुपये तक मिलने की उम्मीद है। बीसीसीआइ ने बड़े खिलाड़ियों के आने के कारण टेंडर जमा करने की तारीख बढ़ा दी थी।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 08:21 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 08:21 PM (IST)
IPL 2022: अगर मैनचेस्टर युनाइटेड को मिली टीम तो उसका चेहरा बन सकते हैं दीपिका-रणवीर
दीपिका पादुकोण और रनवीर सिंह एक साथ (एपी फोटो)

विशेष संवाददाता, दुबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) को आइपीएल की दो नई टीमों की नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के बाद प्रत्येक फ्रेंचाइजी से 7,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये तक मिलने की उम्मीद है। बीसीसीआइ ने बड़े खिलाड़ियों के आने के कारण टेंडर जमा करने की तारीख बढ़ा दी थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बीसीसीआइ नीलामी की बोली का तकनीकी मूल्यांकन करने के बाद सोमवार को ही सफल बोली लगाने वालों की घोषणा करेगी या नहीं। ऐसी 22 कंपनियां हैं, जिन्होंने 10 लाख रुपये के निविदा (टेंडर) दस्तावेज लिए हैं। नई टीमों के लिए आधार मूल्य 2,000 करोड़ रुपये रखा गया है। ऐसे में केवल पांच से छह गंभीर बोली लगाने वालों के होने की उम्मीद है। बीसीसीआइ फ्रेंचाइजी के लिए बोली लगाने के लिए तीन कंपनियों/व्यक्तियों के कंसोर्टियम (समूह) को भी अनुमति दे रहा है।

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बीसीसीआइ के एक सूत्र से जब पूछा गया कि क्या दीपिका पादुकोण और रनवीर सिंह भी टीम खरीद रहे हैं तो उन्होंने कहा कि नहीं वे खुद टीम नहीं खरीद रहे हैं। जितनी हमें जानकारी मिली है कि अगर मैनचेस्टर यूनाइटेड का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी को टीम मिलती है तो ये दोनों फिल्म स्टार उसका चेहरा हो सकते हैं। मैनचेस्टर युनाइटेड के मालिक अवराम ग्लेजर के स्वामित्व वाले लांसर समूह ने भी बोली दस्तावेज लिया है। टीम मिलने की स्थिति में दीपिका-रनवीर को 10 फीसद शेयर मिल सकता है। हालांकि यह संबंधित कंपनी और दोनों फिल्म स्टार के बीच का मामला है। इससे बीसीसीआइ का कोई लेना-देना नहीं। मेरी जानकारी के अनुसार ये दोनों बोली लगाने वाले किसी कंसोर्टियम का हिस्सा नहीं हैं। वे ब्रांड एंबेसडर बनकर टीम का भारतीय चेहरा हो सकते हैं। इस नीलामी में बोली लगाने वाले किसी व्यक्ति या कंपनी का वार्षिक कारोबार न्यूनतम 3,000 करोड़ रुपये होना चाहिए और कंसोर्टियम मामले में तीनों संस्थाओं में प्रत्येक का वार्षिक कारोबार 2,500 करोड़ रुपये होना चाहिए।

जैसा कि शुरू से माना जा रहा है कि गौतम अदाणी और संजीव गोयनका की कंपनियां इसमें गंभीर बोली लगाने वाले होंगे। गोयनका दो साल के लिए पुणे फ्रेंचाइजी राइजिंग पुणे सुपरजाइंट (आरपीएस) के मालिक रहे हैं और वह इंडियन सुपर लीग फ्रेंचाइजी एटीके मोहन बागान के मालिक भी हैं। इस दौड़ में कोटक समूह, दवा बनाने वाली कंपनी अरबिंदो फार्मा और टोरेंट समूह शामिल हैं। जहां तक शहरों का सवाल है तो अहमदाबाद और लखनऊ का दावा मजबूत नजर आ रहा है। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की क्षमता 1,00,000 से अधिक है, जबकि लखनऊ के इकाना स्टेडियम की क्षमता लगभग 70,000 है। इस दौड़ में हालांकि इंदौर, गुवाहाटी, कटक, धर्मशाला भी शामिल हैं। दिल्ली में रहने वाला एक भारतीय क्रिकेटर भी एक टीम में निवेश करना चाहता है। हालांकि यह निवेश टीम मिलने के बाद ही हो सकता है।


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