इंटरनेशनल क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी की मेहनत रंग लाई, गांव में लगा मोबाइल टावर
अंतरराष्ट्रीय अंपायर अनिल चौधरी के पैतृक गांव में अब मोबाइल टावर लग गया है क्योंकि यहां नेटवर्क कम आने और इंटरनेट की सुस्त स्पीड से सभी को दिक्कत होती थी।
शामली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी का वास्ता पैतृक गांव डांगरौल की प्रमुख समस्या से पड़ा। गांव में कोई मोबाइल टावर नहीं होने के चलते नेटवर्क और इंटरनेट की स्पीड सुस्त होने से ग्रामीण परेशान थे। उन्हें भी इस परेशानी से जूझना पड़ा। समस्या को उन्होंने उठाया और दैनिक जागरण ने प्रमुखता से इस समस्या के निराकरण में सहभागिता की।
खराब नेटवर्क को लेकर दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित की गई और आपके नतीजा सामने है। रिलायंस जियो ने गांव में अब टावर लगा दिया है। गांव में अब फुल नेटवर्क है और तेज स्पीड वाला इंटरनेट भी लोगों को मिल रहा है। इस मौके पर गांव के लोगों ने मिठाई बांटकर इसका जश्न मनाया। इतना ही नहीं, बीएसएनएल ने भी गांव में अपनी रेंज बढ़ाई है।
अनिल चौधरी दिल्ली में रहते हैं। मार्च में वह कुछ दिन के लिए अपने गांव आए थे और लॉकडाउन लगने के बाद उन्हें गांव में ही रुकना पड़ा। गांव में इंटरनेट की समस्या के कारण वह अंतरराष्ट्रीय अंपायरों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं जुड़ पाते थे। फोन पर बात करने के लिए छतों-पेड़ों पर चढ़ना पड़ता था। इस दौरान गांव लौटे अन्य नौकरीपेशा लोग भी ऑनलाइन काम नहीं पा रहे थे और बच्चों को भी ऑनलाइन क्लास में दिक्कत आ रही थी।
10 अप्रैल के अंक में दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद अनिल चौधरी के पास रिलायंस जियो से फोन आया। उन्होंने गांव में टावर लगाने की बात कही। उन्होंने बताया कि नेटवर्क की दिक्कत के कारण कई युवाओं को वर्क फ्रॉम होम होने के बाद भी वापस जाना पड़ा। यहां रहते हुए वह काम नहीं कर पा रहे थे। गांव निवासी लवली, जालंधर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सुभाष को भी इस समस्या से जूझना पड़ रहा था। अब यह समस्या दूर होने पर सभी ने आभार जताया।