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चोटों और बदकिस्मती से हारी टीम इंडिया

कार्डिफ। इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट, टी-20 और फिर वनडे सीरीज में भी जीत से महरूम रही टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की माने तो टीम को खिलाडि़यों की चोटों और बदकिस्मती ने मारा। धौनी की कप्तानी में यह पहला मौका है, जब किसी दौरे से टीम इंडिया बिना कोई जीत दर्ज किए हुए स्वदेश लौटे। विश्व चैंपियन टीम इंडिया ने पहले टेस्ट रैंकिंग में पहला पायदान गंवाया, उसके बाद वनडे रैंकिंग में भी पांचवें स्थान पर फिसल गई।

By Edited By: Published: Sat, 17 Sep 2011 06:35 PM (IST)Updated: Sat, 17 Sep 2011 06:35 PM (IST)
चोटों और बदकिस्मती से हारी टीम इंडिया

कार्डिफ। इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट, टी-20 और फिर वनडे सीरीज में भी जीत से महरूम रही टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की माने तो टीम को खिलाडि़यों की चोटों और बदकिस्मती ने मारा। धौनी की कप्तानी में यह पहला मौका है, जब किसी दौरे से टीम इंडिया बिना कोई जीत दर्ज किए हुए स्वदेश लौटे। विश्व चैंपियन टीम इंडिया ने पहले टेस्ट रैंकिंग में पहला पायदान गंवाया, उसके बाद वनडे रैंकिंग में भी पांचवें स्थान पर फिसल गई।

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भारत को चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 0-4 और पांच वनडे मैचों की सीरीज में 0-3 से पराजय झेलनी पड़ी। धौनी ने पांचवां और आखिरी वनडे डकवर्थ लुईस प्रणाली के आधार पर हारने के बाद कहा, मैंने पिछले पांच साल में इतनी चोटें नहीं देखी। करीब नौ से 11 खिलाड़ी एक सीरीज में चोटिल हो गए। वनडे सीरीज में किस्मत ने हमारा साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा, पहले दो टेस्ट में सिर्फ तीन गेंदबाज हमारे पास थे। गेंदबाजी कमजोर होने का दबाव बल्लेबाजों पर पड़ता है। सिर्फ एक विभाग के दम पर लगातार अच्छा नहीं खेला जा सकता। धौनी ने कहा, यदि पहले टेस्ट में जहीर होता तो हमें दूसरी पारी में फायदा मिलता। हालात ही अलग होते। वैसे अहम यह है कि हमने क्या किया। जो हो गया, उस पर दुखी होने से कोई फायदा नहीं। भारतीय कप्तान ने हालांकि कहा कि अगले महीने पांच वनडे मैचों के लिए इंग्लैंड की टीम जब भारत आएगी तो उनके जेहन में बदले जैसी कोई बात नहीं होगी।

उन्होंने कहा, ऐसा नहीं सोचना चाहिए। अगर दिमाग में बदले की बात होगी तो आप छटपटाने लगेंगे और पूरी टीम पर दबाव बनेगा। बेसिक्स पर ध्यान देना जरूरी है। माही के नाम से मशहूर धौनी के मुताबिक, हमें यह भी देखना है कि चोटों के शिकार हुए कितने खिलाड़ी फिट हो चुके हैं और चयन के लिए उपलब्ध हैं। यह पूछने पर कि क्या वह खिलाड़ी बिना कोई मैच खेले ही टीम में लौट आएंगे, भारतीय कप्तान ने कहा, यह कठिन है लेकिन हमें देखना होगा कि चोट कैसी है। उन्होंने कहा, कुछ मैच खेलकर आना अच्छा होगा लेकिन यह कठिन है क्योंकि टीम में अनुभव की जरूरत है। संतुलन जरूरी है। गेंदबाजी पूरी तरह नई होने से काम नहीं चलेगा।

पांचवें और आखिरी मैच में हार के लिए धौनी ने हालात और तेज गेंदबाज मुनफ पटेल की चोट को कारण बताया। उन्होंने कहा, चार ओवर के बाद मुनफ के चोटिल होने से हमारी लय टूट गई। गेंद भी नम हो गई थी। पांचवीं बार हम टास हारे थे और स्पिनरों के लिए बड़ा मुश्किल हो गया था। धौनी ने यह भी कहा कि अभ्यास मैच आधिकारिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होने चाहिए जिसमें सिर्फ 11 खिलाड़ी खेल सकें। कैप्टन कूल के अनुसार, हम अभ्यास मैचों का सही इस्तेमाल नहीं कर सके। पहला मैच आधिकारिक था जिसमें 11 से अधिक खिलाड़ी नहीं खेल सकते थे। टेस्ट मैच से ठीक पहले खिलाडि़यों को 90 ओवर मैदान पर रहना पड़ा। दूसरा अभ्यास मैच भी ऐसा ही था।

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