इंदौर के अंपायर ने बदले टेस्ट मैच के 2 बड़े फैसले, दो बार फील्ड अंपायर ने मांगी माफी
India vs Bangladesh 1st Test इंदौर में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन दो गलत फैसले इंदौर के अंपायर ने बदल दिए।
इंदौर, नईदुनिया। शहर के होल्कर स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय खिलाड़ी छाए रहे। पूरे दिन के खेल में दो अहम घटनाक्रम हुए, जिसने इस मैच की दिशा तय की। भारतीय कप्तान विराट कोहली डीआरएस के जरिए शून्य पर आउट हुए और उसी डीआरएस का इस्तेमाल करते हुए मयंक अग्रवाल को जीवनदान मिला।
सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने इसका लाभ लेते हुए न सिर्फ दोहरा शतक (243) बनाया, बल्कि यह उनके करियर का भी सबसे बड़ा स्कोर भी रहा। हैरान करने वाली बात ये रही कि यह दोनों फैसले इंदौर में जन्मे अंपायर नितिन मेनन ने दिए, जो इस मैच में थर्ड अंपायर की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वहीं, मैदानी अंपायर को अपने इन फैसलों पर माफी मांगनी पड़ी, जो एक शिष्टाचार है।
दरअसल, विराट कोहली के खिलाफ बांग्लादेश के तेज गेंदबाज अबु जायद ने LBW की अपील की, जिसे मैदानी अंपायर इरास्मस ने ठुकरा दिया। विकेटकीपर लिटन दास ने बंगाली में गेंदबाज से कहा मैं दावे से नहीं कह सकता आउट है। ऐसे में कप्तान मोमिनुल हक ने रिव्यू मांगा। रिप्ले में दिखा की गेंद ऑफ स्टम्प से बाहर पिच हुई थी, मगर उसका एंगल स्टम्प की ओर था। गेंद लेग स्टम्प उड़ाती दिख रही थी और थर्ड अंपायर नितिन मेनन ने कोहली के आउट होने का फैसला दे दिया। भारतीय कप्तान खाता भी नहीं खोल सके।
ऐसा ही कुछ मंयक अग्रवाल के साथ हुआ। मयंक को 82 रन के स्कोर पर जीवनदान मिला। मेहदी हसन की गेंद पर उनके खिलाफ LBW की अपील हुई, जिस पर मयंक अग्रवाल ने नॉन स्ट्राइक पर खड़े अजिंक्य रहाणे से पूछकर डीआरएस की मांग की। सभी कोण से देखने के बाद थर्ड अंपायर मेनन ने उन्हें नॉट आउट करार दिया। इस बार भी मैदानी अंपायर को अपनी गलती की लिए कर्टसी के तौर पर माफी मांगनी पड़ी।