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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काली पट्टी बांधकर उतरे भारतीय खिलाड़ी, जानिए क्यों किया है ऐसा

Team india With Black Band भारतीय टीम के खिलाड़ी आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 05:23 PM (IST)
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काली पट्टी बांधकर उतरे भारतीय खिलाड़ी, जानिए क्यों किया है ऐसा
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काली पट्टी बांधकर उतरे भारतीय खिलाड़ी, जानिए क्यों किया है ऐसा

नई दिल्ली, जेएनएन। Team india With Black Band: बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मेजबान भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मुकाबला खेला जा रहा है। इसी मुकाबले में भारतीय टीम के खिलाड़ी आज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे हैं। कप्तान विराट कोहली समेत टीम के सभी सदस्यों ने अपनी बाजू पर ब्लैक बैंड भारतीय टीम के एक पूर्व दिग्गज खिलाड़ी के सम्मान में बांधा है।

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दरअसल, शुक्रवार 17 जनवरी को भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर बापू नादकर्णी (Bapu Nadkarni) का निधन हो गया था। करीब 13 साल तक भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने वाले बापू नादकर्णी ने 86 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा। इन्हीं के सम्मान में भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी आज काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे हैं। मैच से ठीक पहले बीसीसीआइ ने इस बात का ऐलान कर दिया था कि खिलाड़ी इस मैच में ब्लैक बैंड के साथ उतरेंगे।

ऐसा था नादकर्णी का करियर

लगातार 21 ओवर मेडेन फेंकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले बापू नादकर्णी ने 1955 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। इसके बाद 1968 तक उन्होंने टीम इंडिया के लिए कुल 41 टेस्ट मैच खेले, जिनकी 65 पारियों में बापू नादकर्णी ने 88 विकेट अपने नाम किए थे। हैरान करने वाली बात ये है कि उनके करियर का इकॉनमी रेट 1.7 रन प्रति ओवर है। वहीं, बतौर बल्लेबाज बापू नाडकर्णी ने 1414 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। 

बापू नादकर्णी के निधन के बाद क्रिकेट के तमाम दिग्गजों ने उनको याद किया। यहां तक बीसीसीआइ ने भी अपने पूर्व खिलाड़ी को याद किया। इस मौके पर सचिन तेंदुलकर ने उनके याद में लिखा, "बापू नादकर्णी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं उनके टेस्ट में लगातार 21 मेडन ओवर की गेंदबाजी के रिकॉर्ड के बारे में पढ़ते हुए बढ़ा हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और परिजनों के साथ हैं।" वहीं, सुनील गावस्कर ने कहा, "वह हमारे कई दौरों पर सहायक मैनेजर थे। वह काफी उत्साह बढ़ाने वाले थे। उनका पसंदीदा वाक्यांश था, छोड़ो मत। जब उस दौर में पैड और गलव्स बहुत अच्छे नहीं होते थे तब भी वह बहुत शानदार क्रिकेटर थे।" 


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