भारतीय घोड़ों ने कंगारुओं को किया बेबस, टेस्ट सीरीज हारने की कगार पर ऑस्ट्रेलिया
एलन बॉर्डर से लेकर रिकी पोंटिंग तक ने भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को शानदार करार दिया है।
सिडनी, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने हाल ही में कहा था कि हमारे तेज गेंदबाज घुड़दौड़ के घोड़ों की तरह हैं, जिन्हें सुरक्षित रखने और अच्छी तरह से संभालने की जरूरत है। निश्चित तौर पर इन भारतीय घोड़ों ने कंगारुओं को बेबस कर दिया है। यही कारण है कि एलन बॉर्डर से लेकर रिकी पोंटिंग तक इसे भारत का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी आक्रमण बता रहे हैं और ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान टिम पेन को भी स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर जैसे बल्लेबाजों की याद सताने लगी है।
भारतीय टीम को कभी तेज गेंदबाजी आक्रमण के लिए नहीं जाना जाता था। बीच में ऐसा समय भी आया जब उसे वनडे में पारस महांब्रे जैसे तेज गेंदबाज से पहला ओवर कराना पड़ा, लेकिन अब हालत यह है कि टीम इंडिया के कप्तान टेस्ट मैच में बिना स्पिनर उतरने का भी साहस दिखाते हैं। पहले भारतीय टीम सिर्फ अपने देश में टेस्ट मैच जीतने की दावेदार होती थी, क्योंकि वहां स्पिन पिच बनती हैं, लेकिन अब उसे ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में भी जीत का दावेदार माना जाने लगा है और इसका सबसे ब़़डा कारण उसके तेज गेंदबाज हैं।
भारतीय टीम के गेंदबाजों का ओवरऑल प्रदर्शन देखें तो उन्होंने इस साल दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में सभी 60 विकेट और इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों में 82 विकेट हासिल किए। भारतीय गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज के शुरआती तीन मुकाबलों में सभी 60 विकेट झटक चुके हैं। सबसे ब़़डी बात यह है कि इसमें तेज गेंदबाजों का योगदान स्पिनरों के मुकाबले बहुत ज्यादा है। भारतीय टीम के तेज गेंदबाजी कोच भरत भी इसे टीम इंडिया का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी आक्रमण बता चुके हैं। वहीं, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने जसप्रीत बुमराह को इस समय दुनिया का नंबर वन गेंदबाज बताया है। इसी की बदौलत भारत पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में 2-1 से आगे है और उसने 37 साल बाद मेलबोर्न में टेस्ट मुकाबला जीता।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज कप्तान एलन बॉर्डर भी इससे काफी प्रभावित दिखे। उन्होंने कहा कि यह नंबर वन टीम है। अब तक टीम इंडिया अपने देश से बाहर खेलते वक्त जूझती नजर आती थी। अपने शानदार तेज गेंदबाजी आक्रमण के कारण अब टीम इंडिया ने विदेशों में भी अपने प्रदर्शन में काफी सुधार किया है। मेलबोर्न में जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में करियर की सर्वश्रेष्ठ (6/33) गेंदबाजी की थी और मैच में कुल नौ विकेट हासिल किए। बुमराह टेस्ट सीरीज में अब तक 20, मो. शमी 14 और ईशांत शर्मा 11 विकेट ले चुके हैं। उन्होंने एडिलेड की आसान पिच, पर्थ की खतरनाक पिच और मेलबोर्न की अबूझ पिच पर अच्छा प्रदर्शन किया। यानी पिच कैसी भी हो भारतीय आक्रमण अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
बॉर्डर ने कहा कि भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण काफी खतरनाक है। ऑस्ट्रेलिया में तेज गेंदबाजों को काफी मदद मिलती है, जिसके कारण भारतीय टीम और खतरनाक हो जाती है। अब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड की तेज और बाउंसी पिचों पर भी अच्छा खेलती है। भारतीय टीम को खेलते देखकर काफी मजा आया। मैंने इससे अच्छा भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण नहीं देखा है। स्पिन विभाग में बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना, भगवत चंद्रशेखर अपने समय के ब़़डे गेंदबाज थे। अब टीम इंडिया के पास बेहद शानदार तेज गेंदबाजों का ग्रुप है।
तिकड़ी का कमाल : बुमराह टेस्ट में पदार्पण करने के साल भर के भीतर ही 48 विकेट ले चुके हैं। बुमराह, ईशांत शर्मा और शमी की तेज गेंदबाजी तिकड़ी ने पिछले एक साल में विदेशों में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। इन तीनों ने मिलकर एक कैलेंडर वर्ष में विदेशी सरजमीं पर 134 विकेट (बुमराह 48, ईशांत 40 और शमी 46) चटकाए हैं। यह तिकड़ी मैलकम मार्शल, माइकल होल्डिंग और जोएल गार्नर की वेस्टइंडीज की तिकड़ी का 34 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ चुकी है, जिन्होंने 1984 में विदेशी दौरों पर 130 विकेट चटकाए थे।
लाइन और लेंथ पर गजब का नियंत्रण : ईशांत शर्मा वर्षो से गेंदबाजी कर रहे हैं, जबकि शमी भी पुराने हैं। इसके बावजूद ईशांत ने इस साल जिस लाइन-लेंथ से गेंदबाजी की है वह गजब है। यही कारण है कि कई दिग्गज कह चुके हैं कि ईशांत को इससे पहले इतनी अच्छी गेंदबाजी करते कभी नहीं देखा। पहले वह लाइन में भटक जाते थे, लेकिन इस साल उन्होंने सही स्पॉट पर गेंद पटकी है जिसका उन्हें फायदा मिला है। वहीं, शमी ने खासतौर पर दूसरी पारी में रिवर्स स्विंग के जरिये खूब विकेट निकाले हैं, जबकि बुमराह को अपरंपरागत स्टाइल और अप्रोच से लाभ मिला है। उनके छोटे रनअप से उनकी गति और उछाल का अंदाजा लगाना काफी मुश्किल होता है। कुलदीप यादव की तरह वह भारत के सरप्राइज पैकेज हैं। लाइन और लेंथ पर उनका गजब का नियंत्रण है। ढीली गेंदें वह बहुत कम फेंकते हैं और बल्लेबाज को लगभग हर गेंद खेलने के लिए मजबूर करते हैं। वह गेंद को दोनों ओर स्विंग कराने लगे हैं। बल्लेबाज की अलग-अलग एंगल पर परीक्षा लेने के लिए क्रीज की चौड़ाई का पूरा इस्तेमाल करते हैं। शॉर्ट पिच गेंद का इस्तेमाल सूझ--बूझ के साथ करते हैं और स्लोअर गेंद को चौंकाने के लिए उपयोग में लाते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन
गेंदबाज, मैच, विकेट, सर्वश्रेष्ठ पारी, सर्वश्रेष्ठ मैच, औसत, 05 विकेट, 10 विकेट ( न्यूनतम योग्यता एक विकेट)
कपिल देव, 11, 51, 8/106, 8/109, 24.58, 5, 0
ईशांत शर्मा, 13, 31, 4/41, 5/86, 42.15, 0, 0
मो. शमी, 6, 29, 6/56, 6/136, 35.80, 2, 0
अजित अगरकर, 7, 27, 6/41, 8/160, 35.07, 1, 0
उमेश यादव, 8, 27, 5/93, 7/176, 48.96, 1, 0
जहीर खान, 7, 25, 5/95, 7/130, 35.08, 1, 0
करसन घावरी, 6, 21, 5/107, 7/138, 30.52, 1, 0
जसप्रीत बुमराह, 3, 20, 6/33, 9/86, 14.65, 1, 0
जवागल श्रीनाथ, 8, 20, 4/130, 4/175, 50.70, 0, 0
मनोज प्रभाकर, 5, 19, 5/101, 6/217, 35.78, 1, 0
रूसी सुरती, 4, 15, 5/74, 6/161, 35.20, 1, 0
लाला अमरनाथ, 5, 13, 4/78, 7/130, 28.15, 0, 0
आरपी सिंह, 4, 13, 4/68, 6/163, 39.00, 0, 0
इरफान पठान, 4, 12, 3/54, 5/117, 41.25, 0, 0
मदनलाल, 2, 9, 5/72, 6/99, 21.88, 1, 0
आबिद अली, 4, 8, 6/55, 7/116, 37.75, 1, 0
मोहिंदर अमरनाथ, 8, 7, 2/24, 4/67, 35.14, 0, 0
विजय हजारे, 5, 7, 4/29, 4/29, 54.57, 0, 0
वेंकटेश प्रसाद, 3, 7, 3/83, 4/131, 50.85, 0, 0
वरुण आरोन, 2, 5, 2/136, 3/179, 72.40, 0, 0
उमेश कुलकर्णी, 3, 5, 2/37 2/59, 40.00, 0, 0
आशीष नेहरा, 3, 4, 2/115, 3/136, 95.50, 0, 0
सी रंगाचारी, 2, 4, 4/141, 4/141, 59.50, 0, 0
सुब्रतो बनर्जी, 1, 3, 3/47, 3/47, 15.66, 0, 0
सौरव गांगुली, 11, 2, 1/34, 1/34, 66.00, 0, 0
संदीप पाटिल, 3, 2, 2/28, 2/33, 16.50, 0, 0
रोजर बिन्नी, 1, 1/56, 1/56, 137.00, 0, 0
भुवनेश्वर कुमार, 1, 1, 1/46, 1/168, 168.00, 0, 0
आर विनय कुमार, 1, 1, 1/73, 1/73, 73.00, 0, 0
ऑस्ट्रेलिया में एक पारी में भारतीय तेज गेंदबाजों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
गेंदबाज, प्रदर्शन, मैदान, समय
कपिल देव, 8/106, एडिलेड, दिसंबर 1985
जसप्रीत बुमराह, 6/33, मेलबोर्न, दिसंबर 2018
अजित अगरकर, 6/41, एडिलेड, दिसंबर 2003
आबिद अली, 6/55, एडिलेड, दिसंबर 1967
मो. शमी, 6/56, पर्थ, दिसंबर 2018
ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट में भारतीय तेज गेंदबाजों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
गेंदबाज, प्रदर्शन, मैदान, समय
जसप्रीत बुमराह, 9/86, मेलबोर्न, दिसंबर 2018
कपिल देव, 8/109, एडिलेड, दिसंबर 1985
अजित अगरकर, 8/160, एडिलेड, दिसंबर 2003
कपिल देव, 8/163, एडिलेड, जनवरी 1992
आबिद अली, 7/116, एडिलेड, दिसंबर 1967