जानिए, चहल-यादव की जोड़ी ने क्यों दिखाया अश्विन-जडेजा को बाहर का रास्ता
31 वर्षीय अश्विन दायें हाथ से ऑफ ब्रेक करते हैं, जबकि जडेजा बायें हाथ के स्लो ऑथरेडॉक्स स्पिनर हैं।
चेन्नई, अभिषेक त्रिपाठी। भारतीय क्रिकेट में हमेशा से स्पिनरों ने जोड़ी या तिकड़ी में ही कमाल किया है। फिर वह चाहे बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना और वेंकटराघवन की तिकड़ी हो या अनिल कुंबले-हरभजन सिंह और रविचंद्रन अश्विन-रवींद्र जडेजा की जोड़ियां। अब चाइनामैन कुलदीप यादव और लेग ब्रेक गुगली फेंकने वाले युजवेंद्र चहल जैसे कलाई के स्पिनरों की जोड़ी कमाल दिखा रही है। इनके भविष्य के बारे में ज्यादा कुछ कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि इन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में साथ में गिने-चुने मैच ही खेले हैं, लेकिन इनसे उम्मीदें बहुत बढ़ गईं हैं क्योंकि अश्विन व जडेजा को हटाकर इन दोनों को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में चुना गया है।
वो तो अक्षर पटेल चोटिल हो गए इसलिए जडेजा की टीम इंडिया में वापसी हो गई, नहीं तो उनकी वापसी आसान नहीं थी। हालांकि अंतिम एकादश में जडेजा के लिए जगह बनाना इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि चहल और कुलदीप की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले ही मैच में शानदार प्रदर्शन किया और मिलकर पांच विकेट निकाले। ये बल्लेबाजों से मार खाने के बावजूद अपनी आक्रामकता नहीं खोते और कलाई से स्पिन कराने के कारण इन्हें उन ट्रैक पर भी स्पिन मिलती है जहां अश्विन और जडेजा निराश करते थे।
अश्विन-जडेजा से क्यों है बेहतर
31 वर्षीय अश्विन दायें हाथ से ऑफ ब्रेक करते हैं, जबकि जडेजा बायें हाथ के स्लो ऑर्थोडॉक्स स्पिनर हैं। ये दोनों भारतीय पिचों पर तो खतरनाक साबित होते हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड की पिचों पर ज्यादा असरदार साबित नहीं होते। इंग्लैंड में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में ये देखने को भी मिला था। वहीं, कुलदीप बायें हाथ से चाइनामैन गेंदबाजी करते हैं। शेन वार्न दाहिने हाथ से लेग ब्रेक गुगली कराते थे। वही काम कुलदीप बायें हाथ से करते हैं जो ज्यादा खतरनाक साबित होती है। यही नहीं कुलदीप गुगली और इसके अलावा कुंबले की तरह फ्लिपर भी मारते हैं। जबकि 27 वर्षीय चहल वार्न की तरह ही लेग ब्रेक गुगली फेंकते हैं।