भारत-पाक क्रिकेट को हरी झंडी की उम्मीद नहीं
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने की उम्मीद नहीं है। गृहमंत्रालय फिलहाल इस सीरीज को अनुमति देने के मूड में नहीं है। बीसीसीआइ ने सरकार से श्रीलंका में दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज की अनुमति मांगी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने की उम्मीद नहीं है। गृहमंत्रालय फिलहाल इस सीरीज को अनुमति देने के मूड में नहीं है। बीसीसीआइ ने सरकार से श्रीलंका में दोनों देशों के बीच क्रिकेट सीरीज की अनुमति मांगी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विदेश दौरे पर होने के कारण इस पर औपचारिक फैसला नहीं हो पाया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार पहले ही इसकी अनुमति दे चुकी है। बीसीसीआइ और पीसीबी (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) श्रीलंका में एक दिवसीय मैचों के साथ टेस्ट सीरीज की तैयारी में हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय मौजूदा माहौल में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंधों के शुरू करने की अनुमति देने के लिए तैयार नहीं है। गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारे पास अभी संबंधित फाइल नहीं आई है। उन्होंने कहा कि जब औपचारिक रूप से हमसे राय मांगी जाएगी, तभी हम कोई फैसला करेंगे। कई वरिष्ठ अधिकारी अनुमति की संभावना से इन्कार कर रहे हैं। ऐसे ही एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत विरोधी आतंकियों को प्रश्रय और प्रशिक्षण देने जैसे जिन मुद्दों पर क्रिकेट संबंध को समाप्त किया गया था। उन पर पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने कहा कि छह साल में मुंबई जैसे आतंकी हमले भले नहीं हुए हों, लेकिन जम्मू-कश्मीर में सीमा पर अकारण फायरिंग से लेकर आतंकियों को प्रशिक्षण देकर भारत भेजने का काम बदस्तूर जारी है।
मुंबई हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंध तोड़ लिए थे, उसके बाद दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय मैच नहीं हुए हैं।
वहीं बीबीसीआइ के वरिष्ठ पदाधिकारी राजीव शुक्ला अब भी अनुमति मिलने के प्रति आशांवित हैं। उनका कहना है कि खेल को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज राष्ट्रमंडलीय देशों की बैठक में भाग लेने के लिए मालटा में है। वापस लौटने के बाद बीसीसीआइ के पदाधिकारी उनसे प्रस्तावित क्रिकेट सीरिज के लिए अनुमति मांगेंगे। जाहिर है सुषमा स्वराज के लौटने पर ही कोई अंतिम फैसला हो पाएगा।