Ind vs Eng: भव्य, दिव्य और विशाल सरदार पटेल स्टेडियम, पहली बार खेला जाएगा इंटरनेशनल मैच
India vs England day-night test match 25 वर्ष पुराने मोटेरा स्टेडियम को तोड़कर 63 एकड़ में लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च करके नए स्टेडियम का निर्माण किया गया है। 2017 जनवरी में इस स्टेडियम का निर्माण शुरू हुआ था और पिछले साल फरवरी में पूरा हुआ।
अभिषेक त्रिपाठी, अहमदाबाद। एमसीजी (मेलबर्न), एससीजी (सिडनी), न्यूलैंड्स (केपटाउन), धर्मशाला, लॉर्ड्स (लंदन), ओवल (लंदन) और ईडन गार्डेस के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन जब आप गांधी की धरती पर स्थित सरदार पटेल स्टेडियम के अंदर कदम रखेंगे तो बाकी सब भूल जाएंगे।
देश के लौह पुरुष के नाम पर बने इस स्टेडियम को घूमने के लिए पांच से छह घंटे लगते हैं और आप यहां पर पहुंचकर इसकी तुलना मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड से करने से नहीं चूकेंगे। एमसीजी में एक लाख दर्शक बैठ सकते थे, लेकिन यहां पर दर्शक क्षमता उससे 10,000 ज्यादा है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर किसी भी सीट पर बैठकर मैच देखने में एक जैसा मजा आएगा, जबकि एमसीजी के कुछ स्टैंड पर बैठकर लगता है कि आप 20वीं मंजिल से मैच देख रहे हों।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात क्रिकेट संघ (जीसीए) के अध्यक्ष थे तब यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था। गृहमंत्री अमित शाह ने जीसीए अध्यक्ष रहते हुए इसे आगे बढ़ाया। अमित शाह की उपस्थिति में बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान खेल मंत्री किरण रिजिजू भी उपस्थित रहेंगे।
25 वर्ष पुराने मोटेरा स्टेडियम को तोड़कर 63 एकड़ में लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च करके नए स्टेडियम का निर्माण किया गया है। 2017 जनवरी में इस स्टेडियम का निर्माण शुरू हुआ था और पिछले साल फरवरी में पूरा हुआ। इसी के बाद यहां पर भारत ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मेजबानी में 'नमस्ते ट्रंप' का आयोजन किया था। हालांकि वह कूटनीतिक कार्यक्रम था और अब यहां पर वह काम होने जा रहा है जिसके लिए इसका निर्माण किया गया है। कोरोना के कारण फरवरी के बाद से इस स्टेडियम का उद्घाटन कार्यक्रम नहीं हो पाया और कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हो सका। बुधवार को भारत और इंग्लैंड के बीच यहां पर पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला जाएगा, वह भी डे-नाइट टेस्ट।
खास बात यह है कि जब भारत में पहली बार कोलकाता के ईडन गार्डेस मैदान में डे-नाइट टेस्ट हुआ था तो रबींद्रनाथ टैगोर का शहर पूरा गुलाबी हो गया था। हावड़ा ब्रिज गुलाबी लाइट से जगमगा रहा था, लेकिन यहां अहमदाबाद में न ही गांधी आश्रम को गुलाबी किया गया है और न ही साबरमती रिवर फ्रंट जगमगा रहा है। कुल मिलाकर जहां कोलकाता में फोकस टेस्ट मैच की ब्रांडिंग पर था वहीं अहमदाबाद में मामला स्टेडियम और खेल की क्वालिटी पर टिका है।
इस स्टेडियम में 11 सेंटर पिच हैं जिन्हें लाल और काली मिट्टी से तैयार किया गया है। हालांकि अभी पता नहीं है कि इस टेस्ट मैच की पिच किस तरह का रंग दिखाएगी। हमेशा कैमरे की चकाचौंध से दूर रहने वाले बीसीसीआइ के सचिव और गृहमंत्री के बेटे जय शाह मंगलवार को पहली बार मीडिया के सामने टूर गाइड की तरह यहां की खासियतों को बता रहे थे। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू को भी पूरा स्टेडियम घुमाया। रिजिजू ने कहा कि यह गुजरात के लिए ही नहीं, देश के लिए गर्व की बात है कि दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम भारत में है।
गुजरात में सरदार पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति भी है। इस दौरान जय के चेहरे की खुशी बता रही थी कि उनकी मेहनत अब रंग लाने वाली है और यहां पर लगातार दो टेस्ट मैच के साथ पांच टी-20 मुकाबलों का भी आयोजन होना है। इस स्टेडियम में 110,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है लेकिन कोरोना के कारण 55,000 टिकटों को ही बेचने के लिए रखा गया गया। अधिकतर टिकट बिक भी चुकी हैं। यहां क्रिकेट के अलावा फुटबॉल, खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, नेटबॉल, टेनिस और बैडमिंटन के भी मुकाबले कराए जा सकते हैं।
यह वही जगह है जहां पुराने मोटेरा स्टेडियम में सुनील गावस्कर ने 10,000 टेस्ट रनों का आंकड़ा छुआ था। कपिल देव ने यहीं पर रिचर्ड हेडली के सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट का रिकॉर्ड तोड़ा था। अब देखना होगा कि डे-नाइट में टेस्ट कितने रिकॉर्ड बनते हैं और कितने टूटते हैं। हालांकि यहां पर अभी बारिश होने की कोई संभावना नहीं है, लेकिन अगर ऐसा होता भी है तो इस मैदान के नीचे विश्व स्तरीय सब सर्फेस ड्रेनेज सिस्टम लगाया गया है। बारिश होने की स्थिति में दो से ढाई घंटे में मैदान फिर से खेलने के लिए तैयार किया जा सकेगा।
यहां मुख्य मैदान के अलावा अभ्यास के लिए दो क्रिकेट और एक मल्टी स्पोर्ट्स ग्राउंड भी हैं। स्टेडियम के अंदर ही फिजियो थेरेपी सिस्टम और हार्डथेरेपी सिस्टम है, जिससे चोटिल खिलाड़ी को स्टेडियम के अंदर ही उपचार मिल सकता है। कुल मिलाकर यह देश के लिए ही नहीं, दुनिया के लिए एक संपत्ति है जो इतिहास में दर्ज होने को तैयार है।