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'नाटक नहीं कर रहे थे श्रीलंका के क्रिकेटर, इतने प्रदूषण में मैच कराना था गलत'

आइएमए ने बीसीसीआइ को एक पत्र लिखा है और प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने पर भी दिल्ली में मैच कराने के फैसले को गलत बताया है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 08:41 PM (IST)
'नाटक नहीं कर रहे थे श्रीलंका के क्रिकेटर, इतने प्रदूषण में मैच कराना था गलत'
'नाटक नहीं कर रहे थे श्रीलंका के क्रिकेटर, इतने प्रदूषण में मैच कराना था गलत'

नई दिल्ली, प्रेट्र। हाल ही में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में हुए टेस्ट मैच में स्मॉग के कारण श्रीलंकाई खिलाडिय़ों ने मास्क लगाकर मैच खेला। इसे लेकर लोगों ने कई तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। जहां कुछ लोगों ने श्रीलंकाई टीम का मजाक बनाया, वहीं कुछ लोगों ने दिल्ली के वातावरण को लेकर चिंता जताई लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने बीसीसीआइ को एक पत्र लिखा है और प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने पर भी दिल्ली में मैच कराने के फैसले को गलत बताया है।

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इस पत्र में आइएमए ने सलाह दी है कि बीसीसीआइ को प्रदूषण को लेकर एक नीति बनानी चाहिए थी। उसमें इस बात प्रावधान होना चाहिए कि बढ़ते प्रदूषण के बीच मैच नहीं होगा मगर फिलहाल ऐसी कोई नीति नहीं है। आइएमए के के अध्यक्ष डॉक्टर केके अग्रवाल का कहना था कि ये बहुत खराब बात है कि इतने प्रदूषण के बीच भी दिल्ली में मैच हुआ। भारत और श्रीलंका के बीच चल रहे मैच को प्रदूषण के कारण रोका जाना चाहिए था मगर एक बार फिर कोई नीति नहीं होने की कारण कुछ नहीं हो सका। हमने बीसीसीआइ को कहा है कि अगर आप विजिबिलिटी कम होने पर फ्लड लाइट जलाकर मैच खेल सकते हैं तो ऐसी भी कोई नीति तैयार कीजिए कि जब प्रदूषण बढ़ा हुआ हो तब कोई मैच ना हो। पीएम 2.5 जब तक 100 से नीचे ना हो, तब तक तो आप खेल ही नहीं सकते। जब मैच हो रहा था, तब तो पीएम 2.5 का स्तर 300 तक था।

अग्रवाल का कहना था कि जिन लोगों ने श्रीलंका के खिलाडिय़ों का मजाक उड़ाया कि मैच बचाने के लिए उन्होंने नाटक किया। उन लोगों को पता होना चाहिए कि कोलेबो में पीएम 2.5 का स्तर सिर्फ 50 है। यानी श्रीलंकाई खिलाडिय़ों को वाकई दिक्कत हो रही थी। आपको बता दें कि वीरेंद्र सहवाग से लेकर कई खिलाडिय़ों ने श्रीलंकाई खिलाडिय़ों के मास्क लगाने को लेकर मजाक उड़ाया था। यह निंदनीय है। क्रिकेट खिलाड़ी यूथ आइकॉन हैं। ऐसे में अगर खिलाड़ी ही इतने प्रदूषण में मैच खेलेंगे तो बाकी लोग तो उन्हें देखकर ही खेलेंगे। विराट कोहली आज देश के खिलाडिय़ों के यूथ आइकन हैं। अब अगर कोहली इतने प्रदूषण में खेलेंगे तो कोई भी बच्चा सोचेगा की मैं क्यों नहीं खेल सकता। दिल्ली में पहले प्रदूषण कम करना होगा उसके बाद ही कोई भी मैच यहां खेला जा सकता है।

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