अगर पिछली सदी में होती IPL नीलामी, तो हम खेलते देखते कपिल, कांबली व श्रीकांत जैसे खिलाड़ियों को
पिछले दशक में अगर आइपीएल की नीलामी होती तो क्रिकेट फैंस इस लीग में कपिल देव विनोद कांबली श्रीकांत रवि शास्त्री जैसे खिलाड़ियों को खेलते देख पाते।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कुछ कौशल में अमीर रहे, कुछ लीक से हटकर रहे और कुछ दर्शकों का पूरा मनोरंजन करने में कामयाब रहे। ये पिछली सदी के नौवें और आखिरी दशक के भारतीय क्रिकेटर थे। ये सभी आइपीएल की ट्रेन में चढ़ने से चूक गए। उदाहरण के तौर पर क्रिस श्रीकांत, क्या पैट कमिंस की गेंद को बिना हेलमेट खेल सकते थे? बेन स्टोक्स का क्या होता? क्या वह मनोज प्रभाकर की धीमी गेंद को खेल पाते?
यदि कपिल देव को 19वें ओवर में जसप्रीत बुमराह को खेलना पड़ता। तब मुंबई इंडियंस का यह तेज गेंदबाज भारतीय दिग्गज बल्लेबाज को कौन सी गेंद फेंकता? हम यहां 10 पूर्व भारतीय खिलाडि़यों को देखेंगे जो आइपीएल खेलने से चूक गए, लेकिन अगर यह खिलाड़ी अभी भी खेल रहे होते तो ये सभी अंबानी और शाह रुख खान की जेब ढीली कर सकते थे।
1. कपिल देव : कपिल भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर हैं। भारत के सर्वश्रेष्ठ स्विंग गेंदबाज और बल्लेबाज जो किसी भी गेंद पर छक्का जड़ सकते थे। वह गेंदबाजी में ओपनिंग करते, मध्य ओवर में भी गेंद करते और फिर एक ओवर अंत में भी करते और हां वह स्टाइल में छक्के भी लगाते। हरियाणा के इस खिलाड़ी को टीम में लेने के लिए हर फ्रेंचाइजी में जबरदस्त जंग देखने को मिलती।
2. क्रिस श्रीकांत : श्रीकांत अपने समय से आगे के बल्लेबाज थे। एक ऐसा बल्लेबाज जो दर्शकों का पूरा मनोरंजन करता था। वह एंडी रॉबर्ट्स पर छक्का लगाते थे। पैट्रिक पैटरसन को बिना हेलमेट खेलते थे और पिछली सदी के नौवें दशक में 100 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाते थे। वह परिस्थति के अनुसार खुद को ढाल सकते थे और हो सकता है कि सीएसके दूसरी फ्रेंचाइजियों से ज्यादा इस खिलाड़ी को लेने में उत्सुक होती।
3. विनोद कांबली : भले ही आइपीएल 2008 में शुरू हुआ लेकिन यह खिलाड़ी ऐसी ही लीग के लिए बना था। ना सिर्फ अपनी बल्लेबाजी की वजह से बल्कि अपने जुदा अंदाज की वजह से भी वह दुनिया की सबसे महंगी लीग के लिए उपयुक्त साबित होता। वह स्पिनरों के लिए खतरनाक होते। कुलदीप यादव और युजवेंद्रा सिंह चहल को रात भर नींद नहीं आती। सचिन तेंदुलकर और कांबली की जोड़ी मुंबई इंडियंस में कमाल करती।
3. मुहम्मद अजहरुद्दीन : 10 से 20 ओवर में अजहरुद्दीन गेंदबाजों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थे। वह आसानी से गैप में चौका लगाते थे और स्पिनरों के खिलाफ उनका फुटवर्क जुदा ही था। वहीं प्वाइंट या एक्स्ट्रा कवर पर खड़े होकर वह हर मैच में 15 रन बचा सकते थे। विकेटों के बीच दौड़ में भी वह अव्वल थे। केकेआर उन्हें अपनी टीम का कप्तान बनाती।
5. अजय जडेजा : भारत की ओर से खेले सबसे समझदार क्रिकेटरों में से एक नाम अजय जडेजा है। वह पारी को गति देते थे और महेंद्र सिंह धौनी की तरह पारी को खत्म करना जानते थे। अजहर की तरह जडेजा भी क्षेत्ररक्षण में कमाल थे। वह दिल्ली डेयरडेविल्स या कैपिटल्स के लिए बेहतरीन पसंद होते।
6. मनोज प्रभाकर : इस ऑलराउंडर में नई गेंद को स्विंग कराने और डेथ ओवर में धीमी गेंद फेंकने की कमाल की क्षमता थी। इसकी हर आइपीएल फ्रेंचाइजी को तलाश रहती है। वह ना सिर्फ लंबे छक्के लगा सकते थे बल्कि पारी को बना भी सकते थे। वह राजस्थान रॉयल्स के लिए बेहतरीन विकल्प होते।
7. रॉबिन सिंह : वह एक और ऑलराउंडर होते जो फ्रेंचाइजियों में बोली की जंग कराते। एक मध्य गति के तेज गेंदबाज और एक शानदार क्षेत्ररक्षक। रॉबिन किसी भी कप्तान की पसंद होते। हैदराबाद, जो हर वर्ष एक बेहतरीन टीम बनाते हैं वह उनकी पहली पसंद हो सकते थे।
8. रवि शास्त्री : बायें हाथ से स्पिन करना और किसी भी स्थान पर बल्लेबाजी करने की क्षमता रवि शास्त्री को खास बनाती थी। वह स्पिनरों पर लंबे छक्के मार सकते थे। वह चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान हो सकते थे।
9. मनिंदर सिंह : अपने सर्वश्रेष्ठ समय में मनिंदर के पास सबकुछ था। फ्लाइट, लूप और एक आक्रमण करने वाला दिमाग। बायें हाथ के स्पिनर की टी-20 क्रिकेट में जरूरत होती है और उनका कौशल किंग्स इलेवन पंजाब के काम आ सकता था।
10. जवागल श्रीनाथ : जवागल श्रीनाथ अपने समय में देश के सबसे तेज गेंदबाज थे। वह किसी भी कप्तान के पसंदीदा होते। उनकी गति, बाउंस और गेंद को अंदर लाने की क्षमता किसी भी बल्लेबाज को मुश्किल में डाल सकती थी। वह कई मौकों पर जल्द विकेट भी निकाल सकते थे। वह आरसीबी के लिए बड़े खिलाड़ी साबित होते।
11. विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धौनी का विकल्प उस समय भी नहीं था और आज भी नहीं है। वह भारत के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं, खासतौर पर सीमित ओवर क्रिकेट में।