Ind Vs NZ Semi Final: जानें, क्या है डकवर्थ लुईस नियम, ऐसे खुद कर सकते हैं कैल्कुलेशन
ICC World Cup India Vs New Zealand Match रिजर्व डे के दिन होने वाले मैच से पहले जानते हैं कि आखिर यह डकवर्थ लुईस नियम क्या है और इसके आधार पर कैसे गणना की जाती है...
नई दिल्ली, जेएनएन। वर्ल्ड कप 2019 का पहला सेमीफाइनल मैच बारिश की वजह से मंगलवार को पूरा नहींं हो सका और अब आधा मैच रिजर्व डे यानी गुरुवार को करवाया जा रहा है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच हो रहे इस मैच में रिजर्व डे के दिन भी बारिश आने का खतरा है। अगर आज भी मैच के बीच में बारिश आती है तो डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर भारत के लिए लक्ष्य तय किया जाएगा। अक्सर डकवर्थ लुईस का नियम समझने में मुश्किल होती है, तो ऐसे में हम आपको यहां आसान भाषा में इसे समझाने की कोशिश कर रहे हैं...
क्या होता है डकवर्थ लुईस नियम?
दरअसल बारिश से प्रभावित वनडे और टी-20 मैचों में इस नियम का इस्तेमाल किया जाता है। डकवर्थ लुईस नियम का आविष्कार सांख्यिकी विशेषज्ञ फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस ने किया था और इसी वजह से इस नियम का नाम डकवर्थ लुईस है। हालांकि स्टीव स्टर्न के संंरक्षक बन जाने के बाद इसका नाम डकवर्थ लुईस स्टर्न नियम कर दिया गया।
कब हुआ था पहली बार इस्तेमाल?
इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार डकवर्थ लुईस नियम का इस्तेमाल 1996-97 में जिम्बाब्वे-इंग्लैंड के बीच हुए मैच में किया गया था। इस मैच में जिम्बाब्वे को डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर 7 रन से जीत हासिल हुई थी। वैसे साल 1999 में आईसीसी की ओर से वर्षा से प्रभावित एकदिवसीय मैचों में लक्ष्य निर्धारित करने के लिए भी डकवर्थ लुईस नियम को मान्यता दी गई थी।
किस आधार पर करता है काम?
डकवर्थ लुईस स्टर्न नियम के अनुसार, क्रिकेट में कोई भी टीम बचे हुए ओवर और बचे हुए विकेट के आधार पर ही कोई मैच जीतता है और मैच इन दो आधारों पर ही निर्भर करता है। इन दो मानकों पर फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस ने एक सूची तैयार की है जिससे यह पता चलता है कि मैच के अलग-अलग पड़ावों पर बल्लेबाजी कर रही टीम के पास कितने प्रतिशत रिसॉर्स यानी उपलब्ध विकेट और ओवर बाकी हैं। इस नियम में किसी भी टीम के बचे हुए रिसोर्स पर्संटेज पर इसकी गणना की जाती है।
ऐसे निकालें कितने रिसोर्स बचे हैं?
ऐसे समझे पूरा खेल
नियम के अनुसार पारी शुरू होने के समय जब पूरे 50 ओवर और 10 विकेट आउट होने बाकी होते हैं तो रन बनाने के साधन भी 100 प्रतिशत होते हैं। इसके बाद जैसे-जैसे टीम अपने ओवर इस्तेमाल करती जाती है और विकेट खोती जाती है, उसके साधन भी उसी हिसाब से कम होते जाते हैं। जैसे अगर कोई टीम मैच में 20 ओवर खेल चुकी है और उसके 30 ओवर बाकी हैं, साथ ही उसके 2 विकेट भी गिर चुके हैं, तो ऐसी स्थिति में उस टीम के पास 67.3 प्रतिशत साधन बचेंगे।
मान लेते हैं कि इस स्थिति में अगर बारिश खलल डाल देती है और दोबारा खेल शुरू होने तक 10 ओवरों का समय बर्बाद हो जाता है। इसका मतलब अब उस टीम के पास केवल 20 ओवर बाकी हैं और उसने 2 विकेट खोए हैं तो सूची के हिसाब से इस स्थिति में उस टीम के पास 52.4 प्रतिशत साधन बचेंगे।
India Vs New Zealand Semi Final: अगर आज भी हुई बारिश तो भारत को मिलेगा इतने रन का लक्ष्य
इस स्थिति में बारिश शुरू होने से पहले 67.3 प्रतिशत साधन बचे हुए थे और जब खेल दोबारा शुरू हुआ तब 52.4 प्रतिशत साधन बचे हुए हैं। इसका मतलब टीम को 67.3 – 52.4 = 14.9 प्रतिशत साधनों का नुकसान हुआ है। चूंकि टीम को कुल 100 प्रतिशत साधन मिलने थे जिनमें से 14.2 प्रतिशत बर्बाद हो गए हैं, अर्थात इस टीम ने 100 - 14.2 = 85.8 प्रतिशत साधन इस्तेमाल किए हैं।
ये रहा एक उदाहरण
अगर किसी टीम ने 50 ओवर में 300 रन बनाए और दूसरी टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 40 ओवर खेलकर 250 रन बना चुकी है और 5 विकेट गिर गए हैं। इस स्थिति में बारिश आ जाए और बारिश की वजह से 10 ओवर का मैच नहीं हो पाए तो डकवर्थ लुईस स्टर्न नियम के आधार पर रिजल्ट निकाला जाएगा। अब देखा जाएगा कि पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने अपने 100 फीसदी साधनों का इस्तेमाल कर कितना स्कोर बनाया है। उसके बाद बल्लेबाजी करने आई टीम ने 40 ओवर तक 73.9 प्रतिशत साधन का इस्तेमाल किया और उसके पास 26.1 प्रतिशत साधन बचे हुए हैं।
अगर दूसरी टीम को पहली टीम के मुकाबले कम साधन मिलता है तो दूसरी टीम के लक्ष्य को भी साधनों के अनुपात में घटाना होगा। पहली टीम ने 300 रन बनाए थे, अर्थात अब दूसरी टीम का लक्ष्य 300 x 73.9 / 100 = 221.7 रन होगा। वहीं दूसरी टीम को जीत के लिए 222 रन चाहिए थे, लेकिन वह पहले ही 250 रन बना चुकी है, इस प्रकार डकवर्थ लुईस स्टर्न नियम के तहत दूसरी टीम 28 रन से इस मैच की विजेता बन जाती है। बता दें कि इस नियम में कई और भी स्थितियां होती हैं, जिनके आधार पर गणना करने का तरीका बदल जाता है।