ICC अंपायर अनिल चौधरी को नहीं मिल रहा मोबाइल नेटवर्क, पेड़ पर चढ़कर बात करने को मजबूर
ICC international umpire Anil Chaudhary climbs up trees in pursuit of mobile network अनिल चौधरी को गांव में मोबाइल संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। आइसीसी इंटरनेशनल पैनल में शामिल भारत के बेहतरीन अंपायर अनिल चौधरी कोविड 19 महामारी की वजह से इन दिनों अपने गांव में हैं। अपने गांव में उन्हें मोबाइल से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है और उन्होंने अपनी परेशानी की कहानी बताई है। अनिल इन दिनों अपने गांव में हैं और यहां पर खराब नेटवर्क की वजह से उन्हें फोन पर बात करने के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ रहा है।
अनिल चौधरी को भारत और साउथ अफ्रीका के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज में अंपायरिंग करनी थी, लेकिन सीरीज को बीच में ही रोक देने की वजह से वो 16 मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली स्थित अपने गांव डांगरोल आ गए थे। उन्होंने कहा कि 16 मार्च को मैं अपने दोनों बेटों के साथ गांव आ गया था। हालांकि मैं काफी दिनों के बाद गांव आया था इस वजह से मैंने यहां एक सप्ताह रहने का फैसला किया, लेकिन इस दौरान ही लॉकडाउन हो गया। मैं अपने बेटों के साथ यहीं हूं जबकि मेरी मां और पत्नी दिल्ली में ही हैं।
अब तक 20 वनडे और 28 टी20 इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग कर चुके अनिल चौधरी गांव में नेटवर्क समस्या की वजह से कई कार्यक्रमों में ऑनलाइन हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं जिसमें आइसीसी की कार्यशालाएं भी शामिल हैं। उन्होँने कहा कि गांव में नेटवर्क बड़ा मसला है और यहां हम ना तो किसी से बात कर सकते हैं और ना ही नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस वजह से उन्हें पेड़, छत या फिर गांव से बाहर जाना पड़ता है हालांकि वहां भी नेटवर्क नहीं होता है।
अनिल चौधरी ने अपनी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाली हैं जिनमें वह पेड़ पर चढ़कर फोन करते हुए दिखायी दे रहे हैं। चौधरी ने कहा कि अभी सबसे बड़ी समस्या बच्चों की ऑनलाइन कक्षाओं को लेकर है। दिल्ली, रूड़की, देहरादून आदि शहरों में पढ़ने वाले लड़के ऑनलाइन कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं। मेरा बेटा हिन्दू कॉलेज में पढ़ता है। उसकी कक्षाएं चल रही हैं लेकिन नेटवर्क नहीं होने से वह मजबूर है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल से यह मसला बना हुआ है लेकिन लॉकडाउन के कारण इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह स्थिति तब है जबकि दिल्ली से मेरा गांव केवल 85 किलोमीटर दूर है।