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आखिर जाग ही गई आइसीसी, अब करेगी ‘प्रदूषित टेस्ट’ का ‘चेकअप’

कोटला टेस्ट में श्रीलंकाई खिलाड़ी प्रदूषण से निपटने के लिए चेहरे पर मास्क पहनकर उतरे थे।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sat, 09 Dec 2017 10:37 AM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 10:39 AM (IST)
आखिर जाग ही गई आइसीसी, अब करेगी ‘प्रदूषित टेस्ट’ का ‘चेकअप’
आखिर जाग ही गई आइसीसी, अब करेगी ‘प्रदूषित टेस्ट’ का ‘चेकअप’

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और श्रीलंका के बीच प्रदूषण से कराह रही राजधानी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में हुए तीसरे टेस्ट में मचे कोलाहल के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) जाग गई है। अब क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था प्रदूषित टेस्ट की परिस्थितियों का चेकअप तो करेगी ही साथ ही इस पर ध्यान देगी कि खेलने के हालात में प्रदूषण को शामिल किया जाए।

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आइसीसी की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि पिछले दिनों दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच का आयोजन सही था या गलत, इस बात का उसकी मेडिकल टीम करेगी। वहीं अगले साल फरवरी में इस विवाद के बारे में भी विस्तार से चर्चा की जाएगी। आइसीसी ने भविष्य में प्रदूषण से निपटने के लिए नई पहल की है, जिसके बाद दिल्ली जैसे शहरों के लिए अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन मिलना मुश्किल हो जाएगा।

आइसीसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हमने इस बात पर ध्यान दिया है कि दिल्ली में टेस्ट मैच किन हालात में खेला गया। साथ ही, हमने पहले से ही अपनी चिकित्सीय कमेटी को यह मुद्दा भेज दिया है, जिससे भविष्य में इस तरह के मुद्दे से निपटने के लिए दिशा-निर्देश और मानक तय किए जा सकें।

कोटला टेस्ट में श्रीलंकाई खिलाड़ी प्रदूषण से निपटने के लिए चेहरे पर मास्क पहनकर उतरे थे। यह एक ऐसी तस्वीर थी, जो पहले कभी क्रिकेट इतिहास में मैदान पर नहीं देखी गई थी। जब इस तरह के हालात पैदा हुए, तो मैच रेफरी से लेकर अंपायर भी भ्रमित और नर्वस दिखाई पड़े क्योंकि मौसम, बारिश को लेकर तो आइसीसी की किताब में नियम हैं, लेकिन प्रदूषण पर स्थिति साफ नहीं है। दिल्ली टेस्ट के दौरान श्रीलंकाई खिलाड़ियों को मैदान पर उल्टी करते हुए देखा गया, तो कुछ खिलाड़ियों ने सीने में दर्द और जी मिचलाने की शिकायत की थी।

बहरहाल अब यह मुद्दा आइसीसी की चिकित्सीय टीम के पाले में है और चिकित्सीय कमेटी पैतृक संस्था के आला अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को प्रभावित करने वाले किसी भी चिकित्सीय मुद्दे पर अपनी सिफारिशें दे सकती है। साथ ही, यह समिति आइसीसी टूर्नामेंट आयोजित कराने वाले देशों के लिए चिकित्सीय योजनाएं भी बना बना सकती है। वैसे बीसीसीआइ पहले से ही इस बात का ऐलान कर चुका है कि भविष्य में नवंबर और दिसंबर के महीने के दौरान दिल्ली को अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी से वंचित किया जा सकता है। अब यह देखने वाली बात होगी कि प्रदूषण से भविष्य में निपटने के लिए आइसीसी क्या मानक तय करती है और ये मानक कब से लागू होते हैं।

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