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इस वजह से अब और भी घातक हो गए हैं भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार

तेज गेंदबाज के तौर पर भुवनेश्वर अब पहले से ज्यादा खतरनाक प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 22 Sep 2017 05:17 PM (IST)Updated: Sat, 23 Sep 2017 10:04 AM (IST)
इस वजह से अब और भी घातक हो गए हैं भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार
इस वजह से अब और भी घातक हो गए हैं भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार

कोलकाता, जेएनएन। भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को अच्छी तरह से पता है कि उजले गेंद को किस तरह से स्विंग कराया जाता है लेकिन अब वो गेंदबाज के तौर पर खुद को ज्यादा परिपक्व महसूस कर रहे हैं क्योंकि डेथ ओवर्स में उन्होंने ज्यादा तेज गेंद फेंकने की क्षमता विकसित कर ली है। अपनी इस क्षमता के दम पर अब वो और खतरनाक गेंदबाज के तौर पर सामने आए हैं। भुवनेश्वर ने कोलकाता वनडे में अपने पहले स्पेल की गेंदबाजी में पेस और स्विंग का मिश्रण करते हुए कमाल की गेंदबाजी की थी। इस मैच में उन्होंने 6.1 ओवर में दो ओवर मेडन फेंके और 9 रन देते हुए कुल तीन विकेट लिए। 

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भुवनेश्वर ने कहा कि जब मैं भारतीय टीम में आया उसके बाद मुझे अपनी गेंद को स्विंग कराने के लिए अनुकूल परिस्थिति की जरूरत होती थी। टीम में डेब्यू के एक वर्ष के बाद मैं तेज गेंद फेंकने की अपनी क्षमता बढ़ाना चाहता था लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि मैं ये कैसे कर सकता हूं। स्लॉग ओवर्स में तेज गति से गेंद फेंकने की अपनी क्षमता को बढ़ाने का श्रेय उन्होंने टीम के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच शंकर बसु को दिया। भुवी ने बताया कि बसु ने उन्हें अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग कराई और मेरी गेंदबाजी में पेस को बढ़ाने में मदद की। इसकी वजह से मुझे डेथ ओवर्म में भी गेंदबाजी करने में काफी मदद मिली। उन्होंने कहा कि कोलकाता में एक गेंद फेंकते ही मुझे अंदाजा हो गया था कि स्विंग गेंदबाजी के लिए ये मैदान बिल्कुल उपयुक्त है। 

अपनी गेंदबाजी स्पेल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही इस तरह की गेंदबाजी करने के बारे में सोच लिया था। पहली गेंद फेंकते ही मुझे अंदाजा हो गया था कि मुझे यहां स्विंग मिलेगी। वार्नर के बारे में उन्होंने कहा कि आउट स्विंग गेंदबाजी पर मुझे उनका विकेट मिल सकता है और मैंने उनके लिए अपनी गेंद को ऑफ स्टंप से बाहर रखने की कोशिश की। भुवी ने कहा कि मैं डेविड वार्नर के साथ आइपीएल में हैदराबाद सनराइजर्स के लिए खेल चुका हूं और इससे मुझे उन्हें आउट करने में मदद मिली। मुझे पता था कि वो कहां कमजोर हैं और मुझे उन्हें कहां गेंदबाजी करनी चाहिए लेकिन प्लानिंग से ज्यादा मेहनत उसे अंजाम देने पर होता है। आइपीएल के जरिए आपको कई खिलाड़ियों की कमजोरी और मजबूत पक्ष के बारे में पता चल जाता है क्योंकि आप कई खिलाड़ियों के साथ एक ही टीम से खेल रहे होते हैं।

भुवी ने बताया कि कोलकाता वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 252 रन का स्कोर ज्यादा नहीं था लेकिन ड्रेसिंग रूम में इसे लेकर कोई ज्यादा परेशान नहीं था। पहली पारी में टीम के प्रदर्शन से कोई भी नाखुश नहीं था। हमें एक दूसरे पर पूरा विश्वास है और इससे काफी फर्क पड़ता है। हम मैच के दौरान लगातार विकेट लेने के बारे में बात कर रहे थे। अगर आप मिडिल ओवर्स में लगातार विकेट लेने में सफल रहते हो तो इससे काफी फर्क पड़ता है। 

अपनी बल्लेबाजी के बारे में भुवी ने कहा कि बल्लेबाजी को लेकर मैं कुछ खास नहीं करता हूं। ये मेरे अंदर प्राकृतिक तौर पर है। टेस्ट और वनडे में बल्लेबाजी अलग तरह की होती है। वनडे में बल्लेबाजी के दौरान मैं गेंद को मारने की कोशिश करता हूं। 

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