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क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और के.एल. राहुल की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी जारी, महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी का मामला

महिलाओं के खिलाफ व यौन अपराध को बढ़ावा देने वाले अभद्र टिप्पणी करने पर लूणी थाने में हार्दिक पांड्या व के.एल. राहुल के साथ करण जौहर ओर अन्य असामाजिक तत्वों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया।

By Viplove KumarEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 09:26 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 09:26 PM (IST)
क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और के.एल. राहुल की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी जारी, महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी का मामला
भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और केएल राहुल -फाइल फोटो

रंजन दवे, जोधपुर। जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट ने भारतीय क्रिकेट टीम के क्रिकेटर हार्दिक पांड्या व के.एल. राहुल की ओर से दाखिल एकल पीठ विविध आपराधिक याचिका की सुनवाई करते हुए हुए अनुसंधान अधिकारी के समक्ष विधिक प्रतिनिधि या विधिक सलाहकार के माध्यम से पक्ष रखने के आदेश दिए है। दलितों व महिलाओं के खिलाफ व यौन अपराध को बढ़ावा देने वाले अभद्र टिप्पणी से जुड़े इस मामले में न्यायाधीश संदीप मेहता ने आदेश दिए हैं।

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इससे पूर्व डी.आर.मेघवाल की ओर से साल 2019 में एक टीवी के चैट शो में महिलाओं के खिलाफ व यौन अपराध को बढ़ावा देने वाले अभद्र टिप्पणी करने पर लूणी थाने में हार्दिक पांड्या व के.एल. राहुल . करण जौहर ओर अन्य असामाजिक तत्वों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत एफ.आई.आर रद्द करने को लेकर विविध आपराधिक याचिका दायर की गई ततपश्चात उच्च न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए मामले की जांच पर रोक लगा दी थी।

परिवादी कीओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट अनिल बिदान हालू व महिपाल सिंह चारण ने कहा कि लगभग दो साल से मामले की जांच नहीं हुई है ना ही याचिकाकर्ता अनुसंधान अधिकारी का सहयोग कर रहें हैं। ऐसी स्थिति में अनुसंधान प्रभावित हो रहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट पंकज गुप्ता ने कहा कि दोनों याचिका कर्ता भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हैं और वर्तमान में आस्ट्रेलिया में सीरिज खेल रहें हैं। उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी पर रोक जारी रखते हुए याचिका कर्ताओं को विधिक प्रतिनिधि या विधिक सलाहकार के माध्यम से अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पक्ष रखने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई 5 फरवरी को तय करते हुए पब्लिक प्रोसिक्यूटर को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

आप को बतादे इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज होने के बाद हार्दिक पांड्या द्वारा अपने ऑफिशियल अकाउंट फेसबुक पेज व ट्विटर पर माफी मांगी गई ।उस पोस्ट पर दर्जनों सैकड़ों असामाजिक तत्वों द्वारा भारतीय संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी व एससी-एसटी वर्ग पर अपमानजनक कमेन्ट किये गए। भारत के दिवंगत महापुरुषों का भी अपमान व अनादर किया गया। दोनों खिलाड़ियों के खिलाफ मामला SC/ST act, IT एक्ट व IPC की विभिन्न धाराओं में दर्ज है।


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