मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा के बचाव में उतरे भज्जी
मैच रेफरी ने अंपायर के फैसले से विरोध जताने के लिए रोहित शर्मा पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया है।
मुंबई, जेएनएन। मुंबई इंडियंस के ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने मंगलवार को कप्तान रोहित शर्मा के बचाव में कहा कि उन्होंने अंपायर के साथ कोई भी दुर्व्यवहार नहीं किया था। वह सिर्फ नियमों को स्पष्ट कर रहे थे।
बता दें कि आइपीएल 10 के 28वें मैच में मुंबई और पुणे के बीच हुए मुकाबले के बाद अंपायरों और मैच रेफरी ने अंपायर के फैसले का विरोध जताने के लिए रोहित शर्मा पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया है। मामला यहां तक बढ़ गया था कि लेग अंपायर नंद किशोर को आकर दोनों को अलग करना पड़ा था।
हरभजन ने कहा, 'गेंद काफी बाहर थी, लेकिन मैं वास्तव में नहीं जानता कि यह वाइड थी या नहीं। अगर बल्लेबाज के दोनों पांव उस तरफ मूव करते हैं तो फिर गेंदबाज को भी उतना अंतर मिलना चाहिए, लेकिन रोहित ने एक ही पांव उस तरफ बढ़ाया था। मेरे हिसाब से उसे वाइड होना चाहिए था। लेकिन हमें अंपायर के फैसले के हिसाब से चलना होगा और उन्होंने हमसे बेहतर खेल दिखाया। यह शानदार मैच था।
रोहित तब जानना चाहता था कि नियम क्या हैं और उसे कहां खड़ा होना चाहिए था। वह अंपायर पर नहीं चिल्लाया था। सिर्फ इतना पूछा था कि उन्होंने यह गेंद वाइड क्यों नहीं दी। वह पूछ रहा था कि मुझे कहां खड़ा होना चाहिए था ताकि यह गेंद वाइड दी जाती। अगर गेंद इतनी अधिक बाहर जाती है तो आप अधिक बाहर निकल सकते हो। हरभजन ने कहा कि इस गेंद के कारण रोहित अपनी लय खो बैठे।'
ये है पूरा मामला
यह 20वें ओवर की तीसरी गेंद यानी 19.3 ओवर था। उनादकट ने रोहित को ऑफ स्टंप के बाहर स्लोअर गेंद की थी। रोहित ने ऑफ स्टंप के काफी बाहर निकलकर उस गेंद को खेलने की कोशिश की थी, लेकिन कोई रन नहीं बना। अंपायर रवि ने इसे वाइड करार नहीं दिया तो रोहित उनके पास जाकर इसका कारण पूछने लगे। तीखी बहस के बाद यह मामला शांत हुआ।
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